लोक शिकायत अधिनियम से न्याय: अमीना खातून को वर्षों बाद मिला पीएम आवास का हक

Edited By Ramanjot, Updated: 15 Jul, 2025 06:16 PM

bihar lok shikayat nivaran adhiniyam 2025

बिहार सरकार की "न्याय के साथ विकास" की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में "बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015" को 5 जून 2016 से प्रभावी किया गया।

पटना: बिहार सरकार की "न्याय के साथ विकास" की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में "बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015" को 5 जून 2016 से प्रभावी किया गया। यह अधिनियम न केवल एक प्रभावी प्रशासनिक सुधार है, बल्कि यह आमजन की आवाज़ को ताकत देता है, जिससे वे समयबद्ध तरीके से अपनी शिकायतों का समाधान प्राप्त कर सकें। इस अधिनियम के तहत 60 कार्य दिवसों के भीतर शिकायतों का समाधान अनिवार्य है।

खगड़िया ज़िले के रामपुर गोगरी गांव की निवासी अमीना खातून, पति मोहम्मद राशिद, को वर्षों से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत राशि की पहली किस्त का इंतजार था। जब उन्हें ब्लॉक कार्यालय से अगली किश्त के लिए मकान निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश मिला, तो वह स्तब्ध रह गईं क्योंकि उन्हें अब तक कोई राशि प्राप्त ही नहीं हुई थी।

जांच करने पर पता चला कि उनकी आवास योजना की पहली किस्त गलती से किसी पूर्व ऋण चुकाने में असमर्थ व्यक्ति के खाते में स्थानांतरित हो गई थी, और बैंक ने उस राशि को सीधे ऋण वसूली में समायोजित कर लिया। जब अमीना को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने तत्काल बिहार लोक शिकायत निवारण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत दर्ज की।

शिकायत के बाद जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी (DPGRO), खगड़िया ने संबंधित लीड बैंक मैनेजर और प्रखंड विकास पदाधिकारी, गोगरी को नोटिस जारी किया और समाधान के उपरांत सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि बैंक की लापरवाही से यह राशि गलत व्यक्ति के खाते में चली गई थी।

जिला लोक शिकायत पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकारी योजना के तहत प्राप्त सहायता राशि का ऋण वसूली में उपयोग करना अनैतिक है और इससे लाभार्थी जीवन भर बेघर रह सकती है। उन्होंने कड़ा निर्देश देते हुए कहा कि वास्तविक लाभार्थी अमीना खातून के खाते में तुरंत राशि ट्रांसफर की जाए।

इस निर्देश के बाद, बैंक ने अपने मुख्यालय से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर राशि को अमीना खातून के खाते में अंततः स्थानांतरित कर दिया। वर्षों की लड़ाई के बाद जब उन्हें अपना हक मिला, तो उनकी आंखों की चमक और चेहरे पर संतोष की मुस्कान ने इस अधिनियम की उपयोगिता और संवेदनशील प्रशासन की गवाही दी।

यह सफलता न केवल एक शिकायत के समाधान की कहानी है, बल्कि यह बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की सशक्त भूमिका, प्रशासन की जवाबदेही और सुशासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!