Edited By Swati Sharma, Updated: 15 Nov, 2024 02:16 PM
बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गुरुवार को कहा कि राज्य के हर विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि खेल के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ सके।
आर्लेकर ने गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में...
भागलपुर: बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गुरुवार को कहा कि राज्य के हर विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि खेल के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ सके।
'अब शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद को भी बढ़ावा दिया जा रहा'
आर्लेकर ने गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित खेल स्टेडियम और योग भवन का उद्घाटन करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में खेल परिसर को विकसित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं और इस कड़ी में गुरुवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक स्टेडियम समर्पित किया जा रहा है। जिससे विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयो के सभी छात्रों को अपने खेल प्रतिभा को प्रदर्शित करने में परेशानी नहीं होगी। राज्यपाल ने कहा, ‘‘आप अनुभव करते होंगे कि जहां विश्वविद्यालय का काम ज्ञानार्जन करना होता है, विद्या को आत्मसात करना होता है, पढ़ाई करनी होती है। वहां आज एक अलग कार्यक्रम हो रहा है। यह सुखद पहलू है। अब शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। खेलकूद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र ने एक अलग मंत्रालय ही बना दिया है। विभाग को एक नया दायित्व सौंपा गया है, इसे नाम दिया गया है खेलो इंडिया। इसके तहत केवल दिल्ली नहीं खेलेगा, बिहार नहीं बल्कि पूरा देश खेलेगा।''
'इंडोर स्टेडियम में खेलकूद की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं'
आर्लेकर ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी इस सोच को वास्तविक रूप देने के लिए खेलो इंडिया को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा है और यूजीसी एवं खेलो इंडिया के माफर्त निर्देश दिए हैं कि आपको आपके परिसर में खेल को बढ़ावा देने के लिए अवसर निर्माण करने की आवश्यकता है। कुलाधिपति ने कहा कि बहुत खुशी है कि यहां जो परियोजना खिलाड़ियों के लिए समर्पित किया जा रहा है, यह काफी सुंदर परिसर है। यहां सभी प्रकार की सुविधाएं हैं। यदि कोई भी यहां आता है और उसकी रुचि खेल में नहीं भी है तब भी यहां की सुविधाओं से वह आकर्षित होकर बरबस ही कहेगा कि मुझे यहां खेलना है। मैंने यहां आकर पूरे परिसर को देखा। इंडोर स्टेडियम में खेलकूद की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। यहां का जिम भी काफी उत्कृष्ट है। जिम में आकर मुझे भी इच्छा हुई कि मुझे भी कुछ एक्सरसाइज करना चाहिए। मैं जिम के कुछ एपरेट्स पर बैठा। उसे पुश किया। वाकई यहां काफी अच्छी सुविधाएं हैं। इस तरह की सुविधाएं होती है तो हमारे बच्चे निश्चित रूप से आगे बढ़ते रहेंगे।
'खेल परिसर में असामाजिक तत्व नहीं आने चाहिए'
राज्यपाल ने कहा कि इसको मल्टी पर्पस हॉल कहा गया है। लेकिन उसका उपयोग ज्यादातर खेलकूद के कार्यों के लिए ही होना चाहिए। यदि खेल के लिए इस भवन का उपयोग नहीं करेंगे तो करोड़ों रुपए की साधन सुविधा पानी में डूब जाएगी। साथ ही खेलकूद के लिए इस स्टेडियम का उपयोग नहीं होगा तो असामाजिक तत्व इसका उपयोग करते रहेंगे। विश्वविद्यालय में भी ऐसे लोग हो सकते हैं जो चाहेंगे कि यहां खेल न हो, लेकिन हमें इन सब चीजों से बच के रहना चाहिए। आर्लेकर ने कहा कि शिक्षा के केंद्र में यदि ऐसी गतिविधियां होती रहती है, इसका प्रादुर्भाव भी यहां नहीं होना चाहिए। शिक्षा के लिए, खेल के लिए यदि यह विश्वविद्यालय है तो ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों को दरकिनार करने की जरूरत है। अनुशासन दिखाने की आवश्यकता है। खेल परिसर में असामाजिक तत्व नहीं आने चाहिए।