Edited By Ramanjot, Updated: 07 Jan, 2025 01:28 PM
इस अवसर पर शंकरण ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की खेल छात्रवृत्ति नीति के अन्तर्गत प्रेरणा, सक्षम और उत्कर्ष तीन वर्गों में खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना लागू है। प्रेरणा के अन्तर्गत तीन लाख रुपए तक...
पटना: बिहार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने प्रदेश के 123 खिलाड़ियों को ‘सक्षम' खेल छात्रवृत्ति चयन प्रमाण पत्र दिया। मेहता ने सोमवार को पाटलिपुत्र खेल परिसर में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण तथा क्रीड़ा कार्यपालक आनंदी कुमार की उपस्थिति में प्रदेश के 123 उत्कृष्ट खिलाडियों को सक्षम छात्रवृत्ति चयन प्रमाण पत्र वितरित कर उन्हें प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर शंकरण ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की खेल छात्रवृत्ति नीति के अन्तर्गत प्रेरणा, सक्षम और उत्कर्ष तीन वर्गों में खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना लागू है। प्रेरणा के अन्तर्गत तीन लाख रुपए तक सलाना, सक्षम के अन्तर्गत पांच लाख रुपए तक तथा उत्कर्ष के अन्तर्गत 20 लाख रुपए तक सलाना छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है। राष्ट्रीय तथा अंतररष्ट्रीय पदक विजेता बिहार के खिलाड़ी, विजेता टीम के सहभागी खिलाड़ियों के अलावा राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर की एकल प्रतियोगिताओं में प्रथम आठ स्थान पाने वाले तथा टीम प्रतियोगिताओं में प्रथम चार स्थान पाने वाले खिलाड़ियों को सक्षम योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति के लिए चयनित किया जाता है।
शंकरण ने बताया कि छात्रवृत्ति की राशि खिलाड़ियों को नकद राशि के रूप में नहीं दी जाती है। उनके बेहतर प्रशिक्षण, खेल उपकरणों की उपलब्धि, विशेष प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए यात्रा, आवासन, भोजन तथा आवश्यक अतिरिक्त पोषण आहार के लिए सीधे इससे संबंधित प्रशिक्षकों,संस्थानों तथा प्रतिष्ठानों को भेज दी जाती है ताकि खिलाड़ियों को इस एवज में खर्च की चिंता ना करनी पड़े और सारा ध्यान अपने प्रदर्शन को बेहतर करने पर लगा रहे। उन्होंने कहा कि किसी प्रतियोगिता के दौरान खिलाडियों के चोटिल या अस्वस्थ होने पर उनके उपचार तथा अस्पताल का सारा खर्च सरकार वहन करती है। खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल छात्रवृत्ति योजना ना सिर्फ खिलाड़ियों को आर्थिक रुप से सबल और सुरक्षित बनाती है, बल्कि अपने प्रदर्शन में निरंतर सुधार कर उन्हें पदक जीतने के काबिल भी बनाती है।