Edited By Khushi, Updated: 01 Apr, 2023 12:58 PM

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अलग-अलग बहालियों के लिए आयोजित ऑनलाइन परीक्षाओं में हुई धांधली की केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अलग-अलग बहालियों के लिए आयोजित ऑनलाइन परीक्षाओं में हुई धांधली की केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है। सिन्हा ने बीते शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदस्यों का ध्यान इस धोखाधड़ी की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि आयोजित होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं में धोखाधड़ी के लिए हर अधिकृत केंद्र को 2 लाख रुपये में सेट कर लिया जाता है।
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"अधिकृत केंद्र भविष्य में भी इसी तरह की धोखाधड़ी कर सकते हैं"
उन्होंने एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के हवाले से आरोप लगाया कि यह प्रथा पिछले 7-8 वर्षों से चल रही है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि अधिकृत केंद्र भविष्य में भी इसी तरह की धोखाधड़ी कर सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा में नियुक्तियों के लिए आयोजित परीक्षाओं में भी इस तरह की धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की।
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"एक काले कानून के तहत पिछले 22 साल से 14 लोग सलाखों के पीछे हैं"
इस बीच भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के सदस्य सत्यदेव राम ने अपना मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक काले कानून के तहत पिछले 22 साल से 14 लोग सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने इस कानून को रद्द करने की मांग की। इस दौरान भाजपा सदस्य अपनी मांग के समर्थन में सदन के बीच में आकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा सदस्य संजय सरावगी ने प्रश्नकाल के बाद भी इस मुद्दे को उठाया और इस पर कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर सदन में विशेष बहस कराने की मांग की, जिसे सभाध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने खारिज कर दिया।