Edited By Ramanjot, Updated: 10 May, 2025 09:24 PM

गया जिले के मोहरा प्रखंड के सिवटर गांव में शनिवार को आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के साथ सीधा संवाद का मंच बन गया।
पटना: गया जिले के मोहरा प्रखंड के सिवटर गांव में शनिवार को आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के साथ सीधा संवाद का मंच बन गया।
सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने जीविका की व्यापक पहुंच को रेखांकित किया - 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 1 करोड़ से अधिक परिवार इससे जुड़े हैं। उन्होंने कहा, “विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। स्थानीय नेतृत्व, रोजगार और नीति-निर्माण में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस बदलाव का प्रमाण है।”
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने सड़क, शौचालय, आवासीय लाभ, स्वच्छ पेयजल, सोलर लाइट, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, सामुदायिक पुस्तकालय, स्थानीय रोजगार के अवसर और वृद्धजनों के लिए पेंशन योजनाओं में सुधार जैसी ठोस मांगें रखीं। कई महिलाओं ने मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना और छात्रवृत्ति जैसी मौजूदा योजनाओं को और सशक्त करने की जरूरत भी बताई।
प्रतिभागियों ने साझा किया कि जीविका ने किस प्रकार उनके जीवन में बदलाव लाया - छोटे व्यवसाय शुरू करने, नई दक्षताएं सीखने और शौचालय व राशन कार्ड जैसी मूलभूत सुविधाओं को पाने में मदद की। कई महिलाओं ने स्थायी साप्ताहिक बाजार और बेहतर कचरा प्रबंधन व जल निकासी व्यवस्था की मांग की।

मंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित आवास और शौचालय लाभों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी पात्र परिवारों को 15 मई तक इसका लाभ मिल जाए। उन्होंने यह भी दोहराया कि महिला संवाद के दौरान उठी महिलाओं की आवाजें भविष्य की नीतियों का आधार बनेंगी।
इस सत्र में स्थानीय पदाधिकारी और पूर्व विधायक प्रोफेसर कृष्णानंदन यादव भी उपस्थित थे। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के आत्मविश्वास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के मंच एक समावेशी भविष्य के निर्माण में सहायक हैं।
महिला संवाद सत्र 18 अप्रैल से राज्य के सभी प्रखंडों में प्रतिदिन आयोजित हो रहे हैं। इनका उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और डिजिटल रूप से उनकी प्रतिक्रिया एकत्र करना है। बाल विवाह, दहेज और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों को भी सामूहिक संकल्प के ज़रिए संबोधित किया जा रहा है।