झारखंड के हर प्रखंड और पंचायत में बनेगा मत्स्य पालन का मॉडल तालाब, झारखंड सरकार की इस मंत्री ने किया ऐलान

Edited By Khushi, Updated: 30 May, 2025 10:25 AM

a pond for fish farming will be built in every block

रांची: झारखंड सरकार हर राज्य के हर प्रखंड और पंचायत में मत्स्य पालन के लिए मॉडल तालाब का निर्माण करेगी। इतना ही नहीं राज्य भर के सभी डैमों में केज कल्चर पद्धति के जरिए मत्स्य पालन किया जाएगा।

रांची: झारखंड सरकार हर राज्य के हर प्रखंड और पंचायत में मत्स्य पालन के लिए मॉडल तालाब का निर्माण करेगी। इतना ही नहीं राज्य भर के सभी डैमों में केज कल्चर पद्धति के जरिए मत्स्य पालन किया जाएगा।

विभाग का उद्देश्य नीली क्रांति की दौड़ में आंध्र प्रदेश से आगे निकलना है। इसके लिए अगले 5 वर्षों में एक हेक्टेयर में 10 मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में एक हेक्टेयर में तीन मीट्रिक टन ही मछली का उत्पादन हो रहा है। रांची के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में राज्य का पहला झारखंड मत्स्य महोत्सव का उदघाटन करते हुए कृषि और पशुपालन मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बीते गुरुवार को यह बात कही। तिर्की ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार इस तरह का आयोजन हो रहा है। इस मौके पर 75 मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के बीच दो लाख रुपए की अनुदान राशि का वितरण किया गया। मंत्री ने कहा कि समितियों के सुद्दढ़ीकरण के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की राशि मददगार साबित होगी। विभाग मत्स्य पालन से जुड़े किसानों की समस्या और चुनौतियों का समाधान करते हुए उन्हें आर्थिक रूप से सबल बनाना चाहती है। इसके लिए राज्य में तालाबों की संख्या बढ़ानी होगी। खास कर राज्य में विलुप्त हो रहे तालाब को पुनर्जीवित करना होगा। इसके लिए सभी उपायुक्त ऐसे तालाबों की सूची उपलब्ध कराएंगे।

तिर्की ने मत्स्य पालन को संगठित क्षेत्र का रूप देते हुए इसे आगे बढ़ाने की दिशा में विभाग को कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया। मंत्री ने कहा कि राज्य में मछली के सीड और फीड पर बहुत काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में 80 के करीब फिश फार्म हैं जिससे मछली बीज के रूप में विकसित किया जा सकता है। फिश फॉर्म का संचालन पीपीपी मोड पर भी किया जा सकता है। कहा कि एनएफडीबी के सहयोग से राज्य के करीब 350 मत्स्य पालकों को बेहतर प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा। वहीं विभाग के अधिकारी मत्स्य पालन के क्षेत्र में नई तकनीक की जानकारी शिफा संस्थान के माध्यम से लेंगे। मंत्री ने कहा कि राज्य में एक लाख 70 हजार किसानों का बीमा कराया गया है पर अब तक मात्र दो किसानों को ही मुआवजे का भुगतान हो सका है। मत्स्य पालकों को बीमा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है ताकि विकट समय में इसका लाभ लिया जा सके। उन्होंने कहा कि कृषि और पशुपालन विभाग से जुड़ी योजनाओं की समुचित जानकारी के लिए न्यूज लेटर जारी किया गया है। इस न्यूज लेटर के माध्यम से गांव - घर के लोग आसानी से योजनाओं की विस्तृत जानकारी हासिल कर सकेंगे। मौके पर किसानों की सफलता पर किताब का विमोचन भी किया गया है।

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