असम के CM ने हेमंत सरकार पर गोपीनाथपुर जाने से रोकने का लगाया आरोप, कहा- अगर एक मुख्यमंत्री वहां नहीं जा सकता तो...

Edited By Khushi, Updated: 02 Aug, 2024 10:49 AM

assam cm accused hemant sarkar of stopping him from going

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार ने उन्हें बीते गुरुवार को पाकुड़ जिले के गोपीनाथपुर गांव नहीं जाने दिया। शर्मा ने पाकुड़ जाते समय दुमका जिले के फूलो झानो चौक पर संवाददाताओं से कहा, “झारखंड सरकार ने मुझे गोपीनाथपुर...

रांची/पाकुड़: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार ने उन्हें बीते गुरुवार को पाकुड़ जिले के गोपीनाथपुर गांव नहीं जाने दिया। शर्मा ने पाकुड़ जाते समय दुमका जिले के फूलो झानो चौक पर संवाददाताओं से कहा, “झारखंड सरकार ने मुझे गोपीनाथपुर जाने से रोक दिया है, अगर एक मुख्यमंत्री वहां नहीं जा सकता तो आम लोगों की स्थिति की कल्पना की जा सकती है।”

"आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासी यहां सुरक्षित नहीं हैं"
शर्मा ने पाकुड़ में केकेएम कॉलेज छात्रावास का दौरा किया, जहां 26 जुलाई की रात को आदिवासी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 6 पुलिसकर्मियों सहित 15 लोग घायल हो गए थे। उन्होंने आदिवासी छात्रों से मुलाकात की और राज्य सरकार से घायलों के इलाज की अपील की। ​​उन्होंने घटना की जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की। इसके अलावा शर्मा की उन इलाकों का निरीक्षण करने की भी योजना है, जहां बांग्लादेशी घुसपैठियों ने कथित तौर पर आदिवासियों की जमीन पर कब्जा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि परमेश्वर हेम्ब्रम और दांडू हेम्ब्रम की जमीन पर 2 मुसलमानों ने कब्जा कर रखा है और एक अदालत ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह जमीन को मूल मालिकों को सौंप दे। उन्होंने कहा कि, उन्हें अभी तक जमीन आवंटित नहीं की गई है। उनकी कानूनी लड़ाई और चिकित्सा व्यय में सहायता के लिए, शर्मा ने घोषणा की कि उनकी पार्टी प्रभावित व्यक्तियों को एक-एक लाख रुपये प्रदान करेगी। शर्मा ने आरोप लगाया कि पाकुड़ समेत संथाल परगना की जनसांख्यिकी बदल रही है। उन्होंने कहा, “आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासी यहां सुरक्षित नहीं हैं। आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है क्योंकि यहां की सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के डर से मुझे गोपीनाथपुर जाने नहीं दिया गया। मैं अगली बार जरूर गोपीनाथपुर आऊंगा।”

"घुसपैठियों ने आदिवासियों की जमीनों पर कर लिया है कब्जा"
शर्मा ने ‘एक्स' पर लिखा, “झारखंड के गैबथान में आए घुसपैठियों ने हमारे आदिवासी परिवारों में आतंक मचा दिया है। इन घुसपैठियों ने आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर लिया है। आज मैंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।” शर्मा ने झामुमो-कांग्रेस सरकार पर चुनावी लाभ के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देने और इस प्रकार राज्य के जनसांख्यिकीय संतुलन को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सभी का मानना ​​है कि वोट बैंक की राजनीति के तहत झामुमो-कांग्रेस सरकार राज्य की जनसांख्यिकी बदलने के लिए घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है।” बाद में पाकुड़ में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा, “शुक्रवार को मैं झारखंड के राज्यपाल (संतोष कुमार गंगवार) को पाकुड़ और पूरे संथाल परगना की स्थिति से अवगत कराऊंगा। मैं गृह मंत्री अमित शाह को भी इसकी जानकारी दूंगा।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के झारखंड चुनाव सह-प्रभारी शर्मा राज्य के 2 दिन के दौरे पर हैं। पार्टी के एक विधायक के अनुसार शर्मा गोपीनाथपुर जाना चाहते थे जहां मुहर्रम के आसपास दो समूहों के बीच झड़प हुई थी, लेकिन यहां उन्हें जाने से रोका गया। गोपीनाथुपर के बदले उन्होंने गायबथान में लोगों से मुलाकात की। 

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