Edited By Swati Sharma, Updated: 15 Jan, 2025 11:37 AM
बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह-खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार अवैध खनन के लिए ‘जीरो टॉलरेंस' की नीति के प्रति कृतसंकल्पित है। सिन्हा ने मंगलवार को विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की । इस बैठक में उन्होंने अवैध...
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह-खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार अवैध खनन के लिए ‘जीरो टॉलरेंस' की नीति के प्रति कृतसंकल्पित है। सिन्हा ने मंगलवार को विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने अवैध खनन के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाए जाने पर बल दिया।
'कानूनी सलाहकारों के साथ भी जल्द ही एक बैठक कराई जाए'
सिन्हा ने स्पष्ट निदेश देते हुए कहा कि ऐसा संज्ञान में आया है कि कुछ जिलों में अनावश्यक रूप से पूर्व आवंटित खनन क्षेत्र सरेंडर किए जा रहे हैं। ऐसे मामलों में सम्बद्ध जिला प्रशासन से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर सघन जांच की जाएगी। सरेंडर करने वाले बन्दोबस्त धारियों की एक घाट से अधिक होने की स्थिति में उनके दूसरे घाट की भी जांच की जाएगी। अवैध प्रचालन की स्थिति पाए जाने पर सरेंडर किए जाने वाले घाट के साथ सक्रिय घाट की भी सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त की जाएगी। साथ ही ऐसे बन्दोबस्तधारियों को काली सूची में डालने की कार्रवाई शुरू कराई जाएगी। सिन्हा ने निर्देश दिया कि यथाशीघ्र खनन से जुड़े बन्दोबस्तधारियों, के-लाइसेंसधारियों और ट्रांसपोर्टर्स की सम्मिलित बैठक बुलाई जाए, जिससे उन्हें आ रही बाधाओं के साथ राज्य में खनन परिद्दश्य से जुड़े अन्य पहलुओं पर युक्तिसंगत रायशुमारी हो सके। इनके अलावा विभाग से जुड़े कानूनी सलाहकारों के साथ भी जल्द ही एक बैठक कराई जाए।
सिन्हा ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
विजय सिन्हा ने विभागीय पदाधिकारियों को निदेशित करते हुए कहा कि खनन से जुड़े ओवरलोडिंग के मामलों में व्यापक सफलता मिली है। बिहारी खनन योद्धा कार्यक्रम के तहत इस दिशा में आमजन की भी सक्रिय और सराहनीय भागीदारी सुनिश्चित हुई है। अग्रेतर कार्रवाई के तहत नागरिकों की भागीदारी से जुड़े पोटर्ल तथा आसूचना व्यवस्था को और अधिक सशक्त किया जाना चाहिए। घाटों पर आवागमन के लिए अच्छी पहुंच पथ की व्यवस्था भी बननी चाहिए। साथ ही जब्त होने वाले लघु खनिजों को निर्धारित शेड्यूल ऑफ रेट पर सरकारी विभागों को देने की सुसंगत व्यवस्था विकसित होनी चाहिए और जब्त वाहन के मामलों में त्वरित दंड और निष्पादन के इंतजाम किए जाएं। समीक्षा बैठक में विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक सहित वरीय पदाधिकारी शामिल हुए।