Edited By Harman, Updated: 27 Sep, 2024 11:19 AM
चुनावों से पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसानों को एक बड़ी सौगात देने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 लाख 76 हजार 977 किसानों का 400.66 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ करने का ऐलान कर दिया है।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसानों को एक बड़ी सौगात देने की घोषणा कर दी है। दरअसल, रांची के प्रभात तारा मैदान में गुरुवार को कृषि ऋण माफी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह में सीएम हेमंत सोरेन शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 लाख 76 हजार 977 किसानों का 400.66 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की। इस दौरान सीएम हेमंत ने बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का अनावरण भी किया ताकि किसानों को कृषि से जुड़ी योजनाओं की जानकारी सुविधापूर्वक मिल सके। साथ ही डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग और एनडीडीबी के बीच एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।
"किसानों का खेत उनका बैंक है और खलिहान एटीएम"
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा किसान राज्य की समृद्धि और खुशहाली का आधार है। किसानों का खेत उनका बैंक है और खलिहान एटीएम है। किसानों को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार 24 घंटे किसानों, मजदूरों, महिलाओं, आदिवासियों और पिछड़ों के हित में काम कर रही है। किसानों को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार 24 घंटे किसानों, मजदूरों, महिलाओं, आदिवासियों और पिछड़ों के हित में काम कर रही है।लेकिन ये लोग उसमें बाधा डालते हैं। लोकसभा चुनाव के पहले झूठे आरोपों में मुझे जेल में डाल दिया, लेकिन हम आप लोगों के आशीर्वाद से एक बार फिर आपके सामने हैं। हम राज्य के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए काम करते रहेंगे।
"केन्द्र सरकार के पास उद्योगपति मित्रों के कर्ज माफ करने के लिए धन लेकिन योजनाओं के लिए नहीं"
साथ ही केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके पास अपने व्यापारी और उद्योगपति मित्रों के करोड़ों-अरबों का कर्ज माफ करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन है लेकिन किसानों की फसलों पर एमएसपी बढ़ाने, बुजुर्गों और जरूरतमंदों को पेंशन देने, महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजनाओं के लिए धन नहीं है। राज्य में जब डबल इंजन की सरकार चल रही थी, तब कई लोग राशन कार्ड हाथ में लेकर भात-भात की रट लगाते हुए मर गए। हमारी सरकार ने कोरोना जैसी महामारी के दौर में भी ऐसी नौबत नहीं आने दी कि किसी को भूखे रहना पड़े। वहीं इस दौरान किसान सम्मेलन को मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, दीपिका पांडेय सिंह, सत्यानंद भोक्ता ने भी संबोधित किया।