Edited By Khushi, Updated: 22 Jul, 2025 12:16 PM

रांची: झारखंड के रांची में एचईसी सप्लाई मजदूर संघर्ष समिति की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जुटे कर्मियों ने बीते सोमवार को एचईसी नेहरू पार्क से एचईसी मुख्यालय तक अर्धनग्न प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली।
रांची: झारखंड के रांची में एचईसी सप्लाई मजदूर संघर्ष समिति की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जुटे कर्मियों ने बीते सोमवार को एचईसी नेहरू पार्क से एचईसी मुख्यालय तक अर्धनग्न प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली।
प्रदर्शन में सैकड़ों कर्मचारियों ने हाफ पैंट और बनियान पहनकर विरोध जताया। यह रैली जैसे ही एचईसी मुख्यालय के गेट तक पहुंची, वहां पहले से तैनात सीआईएसएफ जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। हल्की नोकझोंक और धक्का-मुक्की की स्थिति बनी। इससे आक्रोशित कर्मचारी मुख्यालय के समक्ष सडक पर ही बैठ गए और सरकार और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर समिति के दिलीप सिंह ने कहा कि समिति मजदूरों के शोषण को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि बीते 30-40 वर्षों से एचईसी में कार्यरत विस्थापित, मृतक कर्मियों के आश्रित, आईटीआई और सीटीआई पास कर्मचारी आज तक स्थाई नहीं हो सके। उल्टे उन्हें सप्लाई कर्मियों की सूची से भी हटाने की साजिश की जा रही है। इसे किसी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
समिति के मनोज पाठक ने कहा कि जब से एचईसी में भेल प्रबंधन आया है, वह सप्लाई कामगारों के खिलाफ रणनीति बना रहा है। पहले सुविधाएं बंद की जा रही हैं, फिर इन्हें आउटसोर्सिंग के जरिये हटाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने मांग किया कि पूर्व में जो सुविधाएं दी गई थीं, उन्हें तत्काल लागू की जाए। वाई त्रिपाठी ने वर्ष 2010 में तत्कालीन श्रमायुक्त आराधना पटनायक की अध्यक्षता में हुए त्रिपक्षीय समझौते को लागू करने की मांग करते हुए कहा कि अगर इस बार कर्मचारी अपनी मांगों पर एकजुट नहीं हुए, तो भविष्य में प्रबंधन उन्हें सप्लाई कामगार मानने से भी इनकार कर देगा।