Edited By Khushi, Updated: 13 Jul, 2025 02:19 PM

रांची: झारखंड सरकार ने राज्य के पहले टाइगर सफारी की स्थापना के लिए बिहार के राजगीर मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है। कभी माओवाद से प्रभावित रहे पलामू क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है।
रांची: झारखंड सरकार ने राज्य के पहले टाइगर सफारी की स्थापना के लिए बिहार के राजगीर मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है। कभी माओवाद से प्रभावित रहे पलामू क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है। टाइगर सफारी की अक्टूबर से खुलने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पलामू बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में फिलहाल पांच बाघ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पलामू बाघ अभयारण्य में टाइगर सफारी विकसित करने के लिए राजगीर मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया गया है। प्रस्ताव को पहले राज्य वन्यजीव बोर्ड मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और इसके बाद इसे केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को स्वीकृति हेतु भेजा जाएगा।''
पीटीआर के उपनिदेशक प्रजेश जेना ने बताया कि सफारी के लिए कम से कम 150 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। जेना ने कहा, ‘‘राजगीर सफारी देश के पहले सफल मॉडलों में से एक है। वहां कांच का पुल जैसे कई आकर्षण जोड़े गए जिससे पर्यटन में वृद्धि हुई और क्षेत्र को सतत आर्थिक विकास का मॉडल मिला। हम उसी मॉडल को अपनाना चाहते हैं।'' यह प्रस्ताव शनिवार को झारखंड के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार की अध्यक्षता में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक में पेश किया गया। इस परियोजना की लागत करीब 250 करोड़ रुपये आंकी गई है। पलामू बाघ अभयारण्य 1,129 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें से 414.08 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया और 715.85 वर्ग किलोमीटर बफर जोन है। बफर जोन में से 53 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर्यटकों के लिए खुला है।
जेना ने बताया, ‘‘सफारी के लिए भूमि की पहचान रिजर्व के पुटूगढ़ क्षेत्र में की गई है। यह परियोजना सभी मानकों के पालन के साथ स्थापित की जाएगी।'' उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र वर्षों से नक्सल प्रभावित और पिछड़ा रहा है, जहां रोजगार के अवसर नगण्य रहे हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘यह टाइगर सफारी केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि पर्यटन के जरिए क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का जरिया बनेगी।'' राज्य सरकार ने 400 साल पुराने पलामू किले के पुनरुद्धार और पलामू के पास स्थित कमलदीह झील के सौंदर्यीकरण के लिए एक अलग प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्णय लिया है ताकि क्षेत्र का समग्र विकास किया जा सके। पर्यटन, कला, संस्कृति और खेल राज्य मंत्री सुदिव्य कुमार ने शनिवार को पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मुलाकात की और राज्य में खेल व पर्यटन विकास को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘धोनी जी का अनुभव झारखंड में खेल और पर्यटन को नयी दिशा और ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। राज्य सरकार को पूर्ण विश्वास है कि वह सहयोग करेंगे।''