Edited By Harman, Updated: 11 Mar, 2025 11:37 AM

झारखंड के कुख्यात अपराधी और गैंगेस्टर अमन साव आज यानी मंगलवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
Jharkhand Aman Saw Encounter: झारखंड सहित कई राज्यों में 150 से भी ज्यादा आपराधिक वारदात अंजाम देने वाला लारेंस विश्नोई गैंग का शूटर कुख्यात गैंगस्टर अमन साव मंगलवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
पूछताछ के लिए रांची ला रही थी पुलिस
मिली जानकारी के अनुसार, यह मुठभेड़ पलामू जिले के चैनपुर में हुई है। अमन पिछले कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ की रायपुर जेल में बंद था। झारखंड पुलिस ने उसे हाल में हुई घटनाओं के संबंध में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। पुलिस की टीम उसे सोमवार की रात रायपुर से लेकर रांची ला रही थी। बताया गया कि रायपुर से रांची के रास्ते में चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोढा नामक जगह पर अमन के गैंग ने पुलिस की गाड़ी पर बम से हमला किया। इससे पुलिस की गाड़ी असंतुलित हो गई। पुलिस का दावा है कि अमन साव ने मौके का फायदा उठा कर पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा। पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसने फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें अमन साव मारा गया।
अमन साव दो मामलों में अदालत से सजायाफ्ता था
पलामू की पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन ने पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अमन साव की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि मुठभेड़ में एक जवान को भी गोली लगी है। मौके पर एंबुलेंस भेजी गयी है। अमन रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव का रहने वाला था। आपराधिक मामलों की जांच में यह बात सामने आई थी कि अमन साव के संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से हैं। वह पूर्व में झारखंड की सरायकेला जेल में बंद था। 14 अक्टूबर 2024 को छत्तीसगढ़ की पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर ले गई थी। तभी से वह रायपुर जेल में बंद था। अमन साव दो मामलों में अदालत से सजायाफ्ता था। झारखंड के रामगढ़ के एक आपराधिक मामले में उसे छह साल और लातेहार के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। तीन दिन पहले रांची में कोल ट्रांसपोटर्र बिपिन मिश्रा पर फायरिंग की घटना की जिम्मेदारी अमन साव के गैंग ने ली थी। अमन के सबसे खास गुर्गे मयंक सिंह ने इसे लेकर बकायदा सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था। शनिवार को हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम (डिस्पैच) कुमार गौरव हत्याकांड में भी पुलिस को अमन साव गैंग का हाथ होने का संदेह था। इन दोनों मामलों में पुलिस उससे पूछताछ करना चाहती थी।