Edited By Khushi, Updated: 05 Oct, 2024 04:53 PM
झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में से जरमुण्डी सीट का अपना अलग ही महत्व रहा है। दुमका जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र गोड्डा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
जरमुण्डी: झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में से जरमुण्डी सीट का अपना अलग ही महत्व रहा है। दुमका जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र गोड्डा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद अगर बात करें विधानसभा चुनाव के बारे में तो साल 2005 में इस सीट पर निर्दलीय हरि नारायण राय विधायक चुने गए। 2009 में एक बार फिर से हरिनारायण राय यहां से निर्दलीय विधायक चुने गए।
वहीं 2014 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के टिकट पर बादल पत्रलेख यहां से विधायक चुने गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी बादल पत्रलेख ने जरमुण्डी में अपना वर्चस्व कायम रखा। इस बार भी ज्यादा संभावना इस बात की है कि जरमुण्डी सीट से बादल पत्रलेख को ही कांग्रेस अपना उम्मीदवार बनाए।
एक नजर 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में जरमुण्डी सीट से कांग्रेस कैंडिडेट बादल पत्रलेख ने जीत हासिल की थी। बादल पत्रलेख को 52 हजार पांच सौ सात वोट मिले थे। वहीं बीजेपी कैंडिडेट देवेंद्र कुंवर 49 हजार चार सौ आठ वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस लिहाज से देखा जाए तो बादल पत्रलेख ने देवेंद्र कुंवर को तीन हजार 99 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट फुल कुमारी देवी 17 हजार तीन सौ 13 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
एक नजर 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं साल 2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट पर कांग्रेस के बादल पत्रलेख ने जेएमएम के हरिनारायण राय को 2 हजार सात सौ आठ वोटों से हराकर जीत का परचम लहराया था। बादल पत्रलेख को कुल 43 हजार नौ सौ 81 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे जेएमएम के हरिनारायण राय को कुल 41 हजार दो सौ 73 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के अभय कांत प्रसाद को कुल 29 हजार नौ सौ 65 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2009 के नतीजे
वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर निर्दलीय हरिनारायण राय ने जेएमएम के देवेंद्र कुंवर को 12 हजार एक सौ 84 वोटों से हराकर जीत हासिल किया था। हरिनारायण राय को कुल 35 हजार दो सौ नौ वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे जेएमएम के देवेंद्र कुंवर को कुल 23 हजार 25 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के बादल पत्रलेख को 17 हजार नौ सौ 55 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
झारखंड बनने के बाद इस सीट पर हुए विधानसभा चुनाव परिणामों का विश्लेषण करें तो इस सीट पर दो बार निर्दलीय ने कब्जा जमाया है जबकि 2014 और 2019 में कांग्रेस कैंडिडेट बादल पत्रलेख ने बाजी मारी है, लेकिन इस बार बीजेपी और आजसू में चुनाव पूर्व गठबंधन होने से बादल पत्रलेख को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है।