Edited By Khushi, Updated: 30 Sep, 2024 06:47 PM
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने जीत हासिल की थी। हेमंत सोरेन ने 81 हजार सात वोट लाने में सफल रहे थे। वहीं बीजेपी कैंडिडेट लुईस मरांडी 67 हजार आठ सौ 19 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रही थी जबकि जेवीएम कैंडिडेट अंजुला मुर्मू तीन हजार एक...
दुमका: दुमका को संथाल परगना की राजधानी कहा जाता है। इसलिए झारखंड की 81 विधानसभा सीट में से दुमका का एक खास स्थान रहा है। दुमका जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र दुमका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद अगर बात करें विधानसभा चुनाव के बारे में तो साल 2005 में इस सीट पर निर्दलीय स्टीफन मरांडी विधायक चुने गए। 2009 में यह सीट जेएमएम के खाते में गई और हेमंत सोरेन यहां से विधायक चुने गए तो वहीं 2014 के चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में गई और लुईस मरांडी विधायक चुनी गईं।
वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने दुमका सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन उन्होंने बरहेट सीट को ही विधायकी के लिए चुना और इसके बाद 2020 में हुए उपचुनाव में दुमका से हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन विधायक चुने गए। इस बार भी जेएमएम से बसंत सोरेन का ही विधानसभा चुनाव लड़ना तय है।
एक नजर 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने जीत हासिल की थी। हेमंत सोरेन ने 81 हजार सात वोट लाने में सफल रहे थे। वहीं बीजेपी कैंडिडेट लुईस मरांडी 67 हजार आठ सौ 19 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रही थी जबकि जेवीएम कैंडिडेट अंजुला मुर्मू तीन हजार एक सौ 56 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
एक नजर 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं साल 2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट पर बीजेपी की लुईस मरांडी ने जेएमएम के हेमंत सोरेन को 4 हजार नौ सौ 14 वोटों से हराने में सफलता हासिल की थी। लुईस मरांडी को कुल 69 हजार सात सौ 60 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे जेएमएम के हेमंत सोरेन को कुल 64 हजार आठ सौ 46 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे जेवीएम के बबलू कुमार मुर्मू को कुल 4 हजार पांच सौ 52 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2009 के नतीजे
वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर जेएमएम के हेमंत सोरेन ने बीजेपी की लुईस मरांडी को 2 हजार छह सौ 69 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। हेमंत सोरेन को कुल 35 हजार एक सौ 29 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीजीपी की लुईस मरांडी को कुल 32 हजार चार सौ 60 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के स्टीफन मरांडी को 27 हजार दो सौ 56 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
इस सीट पर हुए विधानसभा चुनाव परिणामों का विश्लेषण करें तो इस सीट पर किसी एक पार्टी का कब्जा कभी नहीं रहा है और जीत का भी अंतर भी कम रहा है, लेकिन बसंत सोरेन के एक बार फिर से चुनाव लड़ने से दुमका में मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा।