झारखंड सरकार ने राज्य के बच्चों के लिए उठाया बेहतर कदम, नए अभियान से भविष्य बनेगा उज्ज्वल

Edited By Khushi, Updated: 04 Dec, 2024 03:40 PM

jharkhand government has taken better steps for the children

देश की जानी -मानी कंपनी इंडस टावर्स लिमिटेड ने डिजिटल शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक अभिनव प्रयोग किया है। इसके तहत झारखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में वंचित समुदाय के बीच घर-घर जाकर एक डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन वैन के माध्यम से लोगों को डिजिटल...

रांची: देश की जानी -मानी कंपनी इंडस टावर्स लिमिटेड ने डिजिटल शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक अभिनव प्रयोग किया है। इसके तहत झारखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में वंचित समुदाय के बीच घर-घर जाकर एक डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन वैन के माध्यम से लोगों को डिजिटल शिक्षा प्रदान की जाएगी। यह कार्य एनआईआईटी फाउंडेशन के साथ भागीदारी में किया जा रहा है।

इस संबंध में इंडस टावर्स लिमिटेड के सकिर्ल सीईओ रितेश बत्स, सकिर्ल एचआर हेड शाहनवाज अहमद तथा सकर्ल ओ एंड एम हेड पंकज सिन्हा ने बताया कि झारखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में सामाजिक निगमित दायित्व (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वैन (डीटीवी) के माध्यम से डिजिटल शिक्षा के प्रसार की शुरुआत की गयी। झारखंड सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी और ई गवर्नेंस विभाग की सचिव विप्रा भाल ने आज इसका उद्घाटन केराली पब्लिक स्कूल (नेवरी विकास) रांची से किया। इस अवसर पर भाल ने कहा कि डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन वैन के माध्यम से झारखंड के सुदूरवर्ती इलाकों के बच्चे -बच्चियों को कंप्यूटर शिक्षा और इसकी तकनीक के बारे में जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने ऐसे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान युग कंप्यूटर तथा डिजिटल का है और इसके लिए अभी से ही बच्चे -बच्चियों को जानकारी सुलभ कराना उनके भविष्य के लिए बेहतर कदम है।

इंडस टावर्स के अधिकारियों ने इस मौके पर बताया कि 20 सीटर इस डिजिटल वैन को विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है जिसमें सौर ऊर्जा से चलने वाला कंप्यूटर, प्रिंटर और ई लर्निंग टूल भी लगाए गए हैं। यह डिजिटल वैन उच्च दक्षता वाले सौर पैनल से सुसज्जित है जो अपनी आवश्यकता के लिए प्रतिदिन 15 किलोवाट ऊर्जा उत्पन्न करता है। इसके अलावा सौर मॉड्यूल की विफलता की स्थिति में वैकल्पिक स्रोत के रूप में वाहन में बैटरी के साथ यूपीएस, 5.5 केवीए जनरेटर और डायरेक्ट एसी लाइन केबल भी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में शिक्षा, उद्यमिता, प्रशिक्षण और आम सार्वजनिक सेवा तक डिजिटल पहुंच प्रदान करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इसको लेकर जो फीडबैक आए हैं वह काफी उत्साहजनक है और लोगों में इस अभियान को लेकर काफी उत्सुकता है। कंपनी के सकर्ल सीइओ रितेश बत्स ने बताया कि इस डिजिटल वैन के माध्यम से बच्चों को प्रशिक्षित करने के उपरांत उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। 

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