झारखंड सरकार ने ‘डॉल्फिन सफारी' परियोजना के लिए दो स्थलों का रखा प्रस्ताव

Edited By Diksha kanojia, Updated: 16 May, 2022 12:49 PM

jharkhand government proposes two sites for  dolphin safari  project

साहिबगंज संभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हाल में राज्य सरकार से दो स्थानों साहिबगंज और राजमहल के लिए ईको-पर्यटन परियोजना के लिए प्रस्ताव मांगा है।'''' उन्होंने कहा कि राज्य के वन...

रांचीः झारखंड सरकार ने देश के राष्ट्रीय जलीय जीवों के संरक्षण को बढ़ावा देने के वास्ते साहिबगंज जिले में गंगा नदी पर दो स्थलों को ‘डॉल्फिन सफारी' के लिए प्रस्तावित किया है। वन विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजमहल में सिंघीदलन और साहिबगंज में ओझाटोली में स्थित हिस्सों को ‘‘डॉल्फिन पर्यटन स्थलों'' के रूप में घोषित किए जाने की संभावना है।

साहिबगंज संभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हाल में राज्य सरकार से दो स्थानों साहिबगंज और राजमहल के लिए ईको-पर्यटन परियोजना के लिए प्रस्ताव मांगा है।'' उन्होंने कहा कि राज्य के वन विभाग ने पिछले महीने अपना प्रस्ताव केंद्र को सौंप दिया है। तिवारी ने कहा, ‘‘केंद्र की मांग के अनुसार हमने परियोजना के लिए राजमहल में सिंघीदलन और साहिबगंज में ओझाटोली में दो स्थलों की पहचान की। दोनों स्थलों के बीच की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। हमने अप्रैल के अंत तक अपनी योजना प्रस्तुत की। अब हम इसकी मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।'' अधिकारी ने कहा कि स्थलों का चयन करते समय डॉल्फिन की मौजूदगी और आर्थिक और पर्यटन संभावनाओं पर विचार किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्तावित स्थल इन प्रजातियों की बेहतर निगरानी में मदद करेंगे और पर्यटन के माध्यम से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देंगे।'' उन्होंने कहा कि दोनों स्थलों को केंद्र की ‘डॉल्फिन जलज सफारी' परियोजना से जोड़ा जा सकता है।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने अक्टूबर 2020 में देश में छह स्थानों- उत्तर प्रदेश में बिजनौर, बृजघाट, प्रयागराज और वाराणसी, बिहार में कहलगांव और पश्चिम बंगाल के बंडेल में सफारी परियोजना शुरू की थी। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची एक के तहत संरक्षित डॉल्फिन, झारखंड के साहिबगंज जिले में गंगा नदी के 83 किलोमीटर के हिस्से में पाई जाती हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) ने इस साल जनवरी में झारखंड में गंगा के हिस्से में एक सर्वेक्षण किया था और 81 डॉल्फिन मिलीं। तिवारी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि डॉल्फिन की संख्या अधिक होगी क्योंकि साहिबगंज में नदी बहुत चौड़ी है। हमारे अनुमान के अनुसार, डॉल्फिन की संख्या 130 से 135 के बीच होगी।'' राज्य वन्यजीव बोर्ड के पूर्व सदस्य डी. एस. श्रीवास्तव ने बताया कि निगरानी और गश्त की कमी के कारण डॉल्फिन का संरक्षण एक बड़ा मुद्दा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘वन विभाग ने पिछले साल साहिबगंज में एक शिकारी के घर से दो डॉल्फिन जब्त की थी।'' नननन

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