50 हजार से 2 लाख तक के ऋण वन टाईम सेटलमेंट के माध्यम से माफ किए जाएंगे: कृषि मंत्री

Edited By Khushi, Updated: 14 Jun, 2024 06:36 PM

loans ranging from rs 50 thousand to rs 2 lakh will be waived off

31 मार्च 2020 तक किसानों द्वारा लिया गया 50 हजार से लेकर 2 लाख तक के ऋण वन टाईम सेटलमेंट के माध्यम से माफ किये जायेंगे। ये बातें कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता ने आज राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक में कही।

रांची: 31 मार्च 2020 तक किसानों द्वारा लिया गया 50 हजार से लेकर 2 लाख तक के ऋण वन टाईम सेटलमेंट के माध्यम से माफ किये जायेंगे। ये बातें कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता ने आज राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक में कही। इसके लिए उन्होंने सभी बैंकों से प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा है। इसके लिए सभी बैंकों से प्रस्ताव आमंत्रित किया गया है।

मंत्री बादल पत्रलेख आज नेपाल हाउस स्थित सभागार में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारियों के साथ केसीसी लोन सहित कृषि कार्य के लिए किसानों द्वारा लिए गये ऋण की माफी योजना को लेकर बैठक कर रहे थे। मंत्री ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार ने अपने वादे के मुताबिक ऐसे किसानों को राहत दी है, जो बैंक ऋण की वजह से चिंताग्रस्त रहते थे। राज्य के करीब 4 लाख 73 हजार से ज्यादा किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ किये जा चुके हैं। इस मद में सरकार द्वारा 1900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बैंकों को दी गयी है। विदित हो कि 2021-22 में सरकार ने किसानों को राहत देने के मकसद से 50 हजार रुपये तक की राशि के ऋण को माफ करने की घोषणा की थी। अपने वादे के मुताबिक सरकार ने वैसे सभी आवेदनों का निष्पादन कर लिया है, जिनकी केवाईसी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बहुराज्यीय भूमि सहकारी विकास बैंक समिति, पटना के 10 हजार ऋणी किसानों के कर्ज माफ करने पर विचार किया गया। लोन लेने वाले एससी/एसटी और कमजोर वर्ग के किसानों के ऋण माफ किये जाने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। साथ ही देवघर को-ऑपरेटिव ग्रेन बैंक, लिमिटेड, देवघर द्वारा 14 हजार 346 ऋणी किसानों के कर्ज को भी माफ करने पर विचार किया गया।

मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सभी बैंकों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वैसे किसानों के खाते, जो एनपीए हो चुके हैं, उन खातों को बंद करने के लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजें, ताकि किसानों को ऋण मुक्त किया जा सके। बादल ने कहा कि ऐसे ऋणी, जिनकी मौत हो चुकी है तथा जिनके खाते एनपीए हो गये हैं, वैसे किसानों के लिए सक्षम साक्ष्य प्रस्तुत करने के उपरांत उन्हें भी बिना केवाईसी के लाभुकों की श्रेणी में शामिल किया जायेगा। वहीं, बैठक में मुख्य रूप से विकास आयुक्त अविनाश कुमार, योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव मस्तराम मीणा, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दिकी सहित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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