Edited By Khushi, Updated: 21 Mar, 2025 03:22 PM

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार किसानों से धान की खरीद में तेजी लाने और उनकी उपज का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए राज्य में चावल मिलों की संख्या बढ़ा रही है।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार किसानों से धान की खरीद में तेजी लाने और उनकी उपज का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए राज्य में चावल मिलों की संख्या बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री विधानसभा में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के विधायक जयराम महतो द्वारा धान खरीद के लिए किसानों को भुगतान में देरी के संबंध में विधानसभा में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। जयराम महतो ने सदन में यह भी पूछा कि क्या सरकार धान खरीद के लिए एकमुश्त भुगतान प्रणाली लागू कर सकती है? इस पर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री इरफान अंसारी ने अपने जवाब में कहा कि सरकार जब धान खरीदती है तो पचास प्रतिशत भुगतान किसानों को जारी कर दिया जाता है और शेष राशि सत्यापन के बाद दी जाती है।
मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि किसानों से अनाज खरीद पर एकमुश्त भुगतान करने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से धान खरीदने से लेकर उसे चावल मिलों तक पहुंचाने तक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किसानों को भुगतान किया जाता है। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि कभी-कभी भंडारण के लिए जगह के अभाव और चावल मिलों की कमी के कारण खरीद और भुगतान में देरी होती है। इस समस्या से निपटने के लिए हम राज्य भर में चावल मिलों की संख्या बढ़ा रहे हैं, जिससे खरीद और भुगतान दोनों में तेजी लाने में मदद मिलेगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक समीर कुमार मोहंती ने पूर्वी सिंहभूम के पांच प्रखंड बहरागोड़ा, धालभूमगढ़, गुड़ाबांधा, पोटका, डुमरिया में तैयार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय भवन में पढ़ाई की शुरुआत नहीं होने पर सवाल खड़ा किया।
कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा, जल्द ही स्कूल में पठन पाठन होगा। बच्चों का चयन प्रक्रिया अधीन है। आरजेडी के विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने ध्यानाकर्षण के जरिए कहा कि विश्रामपुर सहित पूरे गढ़वा एवं पलामू जिले में नीलगाय के द्वारा फसल बर्बाद किये जाने से किसान काफी परेशान है। किसानों द्वारा कर्ज लेकर बड़े पैमाने पर खेती की जाती है, जिसे नीलगाय द्वारा बर्बाद किये जाने से समय पर किसान कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में खेती छोड़ रोजगार के लिए पलायन करने पर मजबूर हैं। कुछ किसान कर्ज नहीं चुका पाने के चलते आत्महत्या तक कर ले रहे हैं। किसानों के द्वारा मुआवजा के लिए विभाग में आवेदन देने के बावजूद सही तरीके से जांच नहीं होने की स्थिति में उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल पाता है। इस पर मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि नीलगाय स्वतंत्र जंगली जानवर है। फसल की क्षतिपूर्ति की जाएगी।