Edited By Khushi, Updated: 05 Mar, 2025 06:08 PM

Jharkhand News: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां एक 11 माह की बच्ची की कुत्ते के साथ शादी कराई गई। यह शादी धूमधाम से संपन्न हुई। बैंड बाजा के साथ बारात का स्वागत किया गया।
Jharkhand News: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां एक 11 माह की बच्ची की कुत्ते के साथ शादी कराई गई। यह शादी धूमधाम से संपन्न हुई। बैंड बाजा के साथ बारात का स्वागत किया गया।

कुत्ते ने पैर के नाखून पर सिंदूर लगाकर भरी बच्ची की मांग
इस शादी में बैंड और बाजा के साथ बारात आई। बारात में ढोल–नगाड़े और मांदर की थाप पर गांव के लोग जमकर नाच रहे थे। इसमें महिलाएं भी थी। कुत्ते को दूल्हे की तरह तैयार किया गया था। उसे धोती पहनाई गई है और एक महिला उसे अपने गोद में उठाकर बारातियों के साथ चल रही थी। दूल्हा बने कुत्ते को छतरी की छांव में पूरे सम्मान के साथ दुल्हन के घर ले जाया गया। छतरी को भी फूलों से सजाया गया था। छतरी के किनारे में बिस्कुट और चॉकलेट भी लटक रहे थे। दुल्हन के घर पर बारात जाने के दौरान पहान रास्ते में पूजन किया गया। इस दौरान कुछ मंत्र पढ़े गए। ग्रामीण बताते हैं, विवाह अच्छे से संपन्न हो, कोई अशुभ न हो, इसके लिए पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद पुजारी ने एक चूजे की बली भी दी और तब बारात आगे बढ़ी। दुल्हन के घर बारात पहुंचने पर बारातियों का धूमधाम से स्वागत किया गया। नन्ही दुल्हन को पीले रंग की लाल पाड़ वाली साड़ी पहनाकर तैयार रखा गया था। दूल्हा बने कुत्ते और बच्ची का एक साथ द्वार पर पैर धोया गया जिसमें महिलाएं आपस में थोड़ी हंसी–ठिठोली भी करती दिखाई दी। वहां हो विवाह गीत और नृत्य भी किया जा रहा था। कुत्ते की शादी में शामिल बारातियों को सम्मान के साथ आंगन में बैठाया गया और फिर शादी की प्रक्रिया शुरू की गई। आंगन में बिछी चटाई पर दो पत्तल पर दूल्हे और दुल्हन को बैठाया गया। इसके बाद दोनों को गोद में लेकर विधि-विधान के साथ पूजा भी की गई। शादी के दौरान कुत्ते के एक पैर के नाखून पर सिंदूर लगाकर बच्ची की मांग को भरा गया। शादी के बाद बरातियों ने भोज का आनंद भी उठाया। इसके बाद कुत्ते को खुला छोड़ दिया गया। कुत्ते को अगर कोई पालना चाहे तो पाल सकता है, नहीं तो वह खुले में घूमता रहेगा, लोग उसे परेशान नहीं करेंगे।
दरअसल, हो जनजातियों में यह अनोखी परंपरा निभाई जाती है। परंपरा के अनुसार, जब किसी बच्चे का सेता दांत (ऊपरी जबड़े में निकला पहला दांत) निकलता है, तो उसे हो जनजातियों में अशुभ माना जाता है। उसके निवारण के लिए कुत्ते से बच्चे की शादी कराई जाती है। अगर बच्चा है तो कुतिया से और बच्ची है तो उसकी शादी कुत्ते से कराई जाती है। ऐसी मान्यता है कि कुत्ते के साथ शादी कराने से बच्ची के सारे अपशगुन उसमें चला जाता है या कुतिया से शादी कराने से बच्चे के सारे अपशगुन उसमें चला जाता है। वहीं, इस शादी के पहले एक चूजे की बलि भी दी जाती है। इसके बाद शादी की रस्म शुरू होती है।