शिक्षा और संस्कार के समन्वय से ही समाज का सशक्त निर्माण संभव: राज्यपाल

Edited By Khushi, Updated: 23 Jun, 2025 12:03 PM

strong construction of society is possible only by coordination

रांची: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज गुमला जिले के रायडीह प्रखंड अंतर्गत बिन्देश्वरी लाल साहू सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, भलमण्डा में बालिका छात्रावास का लोकार्पण किया। राज्यपाल ने अपने संबोधन में सर्वप्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद...

रांची: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज गुमला जिले के रायडीह प्रखंड अंतर्गत बिन्देश्वरी लाल साहू सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, भलमण्डा में बालिका छात्रावास का लोकार्पण किया। राज्यपाल ने अपने संबोधन में सर्वप्रथम परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद वीर लांसनायक अल्बर्ट एक्का के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता है कि विद्या विकास समिति, झारखण्ड द्वारा सैकड़ों विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किए जा रहे हैं, यह संगठन वर्षों से झारखण्ड के दूरस्थ ग्रामों एवं जनजातीय अंचलों में शिक्षा, संस्कार एवं सामाजिक चेतना के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। राज्यपाल ने मातुश्री काशीबा हरिभाई गोटी चैरिटेबल ट्रस्ट, सूरत, गुजरात ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित 236 वां सरस्वती धाम (बालिका छात्रावास) के लोकार्पण के संदर्भ में बोलते हुए कहा कि आज यहां आरम्भ यह छात्रावास केवल एक भवन नहीं, बल्कि ग्रामीण एवं जनजातीय अंचल की बालिकाओं के स्वावलंबन, आत्मबल और उज्ज्वल भविष्य का आधार बनेगा।

राज्यपाल ने इस छात्रावास के निर्माण में सहयोग प्रदान हेतु बधाई दी। उन्होंने कहा कि जब समाज संगठित होकर शिक्षा के लिए प्रयास करता है, तब परिवर्तन की दिशा सुनिश्चित होती है। उन्होंने उल्लेख करते हुए कि हाल ही में उन्हें विद्या विकास समिति, झारखण्ड द्वारा नगड़ी, कुदलुंग में आयोजित जनजातीय प्रवासी कार्यकर्ता प्रशिक्षण समापन समारोह में भाग लेने का अवसर मिला, जहां उन्होंने समिति की कार्यपद्धति और प्रतिबद्धता को निकट से देखा और अनुभव किया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के द्दष्टिकोण—‘बेटी पढ़ेगी, तभी देश बढ़ेगा' का उल्लेख करते हुए कहा कि झारखंड में अधिकाधिक संख्या में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना जनजातीय प्रतिभाओं को शिक्षा और अवसर देने की दिशा में एक सशक्त कदम है। उन्होंने हाल ही में श्रीहरि वनवासी कल्याण केन्द्र से सम्बद्ध वनवासी विकास समिति के एक कार्यक्रम में भागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि समाज और सेवा संस्थाएं मिलकर झारखण्ड के वनवासी अंचलों में शिक्षा, संस्कार और परिवर्तनों की आधारशिला रख रही हैं। सुमन रमेश तुलस्यानी ट्रस्ट, मुम्बई द्वारा बच्चों हेतु दो बसें प्रदान किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने हेतु समाज में ऐसे लोगों की आवश्यकता है। उन्होंने मातुश्री काशीबा हरिभाई गोटी चैरिटेबल ट्रस्ट सूरत, गुजरात के केशुभाई जी को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य (236 सरस्वती धाम की स्थापना) हेतु अत्यंत बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा वही जो संस्कार दे और संस्कार वही जो समाज को दिशा दे। यह छात्रावास उसी विचार का मूर्त रूप है। उन्होंने कहा कि यह परिसर केवल आवासीय सुविधा न होकर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण, आत्मनिर्भरता और राष्ट्र सेवा का केंद्र बने। इस अवसर पर विद्यालय परिवार, विद्या विकास समिति के सदस्यों, समाजसेवियों, शिक्षकों, अभिभावकों, ग्रामिणों तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।

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