Edited By Khushi, Updated: 05 Apr, 2023 01:02 PM
झारखंड के चतरा जिले में मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के परिजनों ने सुरक्षाबलों पर गंभीर आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि एनकाउंटर फर्जी था।
चतरा: झारखंड के चतरा जिले में मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के परिजनों ने सुरक्षाबलों पर गंभीर आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि एनकाउंटर फर्जी था। पुलिसकर्मियों ने नक्सलियों को पकड़कर गोली मारी है।
परिजनों ने पुलिस पर लगाए ये आरोप
नक्सलियों के परिजनों का कहना है कि नक्सली सरेंडर करना चाहते थे। लंबे समय से प्रयास कर रहे थे। पुलिस भी हमारे घर आती थी। सभी सरेंडर करने के इरादे से चतरा इलाके में पहुंचे थे। पुलिस ने उन्हें धोखे में रखकर मार दिया। ममाले में सैक मेंबर सुरेश पासवान उर्फ गौतम पासवान उर्फ बड़का दा के बेटे चंदन पासवान ने कहा कि पुलिस ने मेरे पिता को फर्जी एनकाउंटर में मारा है। इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग जाएंगे। पुलिस नहीं चाहती है कि हम अच्छे से रहें। मैं सोच रहा हूं माओवादी बन जाऊं। पुलिस भी यही चाह रही है। यह एनकाउंटर नहीं है। पुलिस ने पकड़ कर गोली मारी है। मेरे पिता आत्मसमर्पण करने वाले थे। वह पुलिस के संपर्क में आना चाहते थे।
वहीं, नक्सली गौतम पासवान के भाई गिरिजा पासवान ने कहा कि मेरे भाई ने सरेंडर करने के लिए संपर्क किया था। सरेंडर करने के बाद उन्हें गोली मारी गई है। प्रशासन ने हमें बताया था कि वह सरेंडर करना चाहता है। गौतम सरेंडर करने के लिए चतरा आया था। प्रशासन ने फर्जी एनकाउंटर क्यों किया? इसकी जांच होनी चाहिए। हमें न्याय चाहिए।
परिजनों के आरोपों को DGP ने बताया बेबुनियाद
उधर, डीजीपी अजय कुमार सिंह ने परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा, जो हुआ सबके सामने है। प्रमाण भी सामने है। परिजन के आरोप में कोई दम नहीं है। कोई सबूत है तो सामने लाएं। उन्होंने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि झारखंड सरकार की सरेंडर नीति अच्छी है। नक्सली मुख्यधारा में लौटें। इस तरह नक्सलवाद की राह पर चलने का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा।
गौरतलब है कि जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र के चतरा-पलामू सीमा पर नौडीहा जंगल में बीते सोमवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 5 माओवादियों को मार गिराया गया था और कई अन्य गोली लगने से घायल हो गए थे। पुलिस ने घटनास्थल से बड़ी मात्रा में हथियार एवं गोला बारूद बरामद किए थे। मारे गए नक्सलियों में 25-25 लाख रुपए के इनामी थे। इसमें सैक मेंबर सुरेश पासवान उर्फ गौतम पासवान उर्फ बड़का दा और अजीत उरांव उर्फ चार्लीस गंझू है। वहीं, इसके अलावा 3 सब जोनल कमांडर अजय यादव उर्फ नंदू, अमर गंझू उर्फ अमन तथा संजीत भुइयां को मारा गया।