Edited By Ramanjot, Updated: 25 Oct, 2024 01:09 PM
डॉ. एस.सिद्धार्थ ने कहा कि पिछले 3 महीनों से स्कूलों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है लेकिन मीडिया में अब भी स्कूलों की खराब हालत की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इतने पदाधिकारियों द्वारा सतत् निरीक्षण के बावजूद भी विद्यालयों में उचित शैक्षणिक...
पटनाः बिहार के स्कूलों में लगातार निरीक्षण के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस.सिद्धार्थ नाराज हो गए हैं। वहीं अब उन्होंने बड़ा एक्शन लेते हुए निरीक्षण करने वाले अधिकारियों, सुपरवाइजर और कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने
पत्र लिखकर सभी डीईओ को भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर निरीक्षण में सुधार नहीं हुआ तो DEO के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
"विद्यालयों के कमियों का खबर प्राप्त होना खेदजनक"
डॉ. एस.सिद्धार्थ ने कहा कि पिछले 3 महीनों से स्कूलों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है लेकिन मीडिया में अब भी स्कूलों की खराब हालत की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इतने पदाधिकारियों द्वारा सतत् निरीक्षण के बावजूद भी विद्यालयों में उचित शैक्षणिक वातावरण, प्रशासनिक प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं आधारभूत संरचना में प्रति अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। विद्यालयों के नियमित अनुश्रवण का उद्देश्य ही यह था कि प्रत्येक सरकारी विद्यालय का संचालन निर्धारित मानक के अनुरूप हो। यदि विद्यालय संचालन में किसी प्रकार की कमी अथवा कठिनाई है, तो अनुश्रवण के माध्यम से उसे ठीक कराया जा सके, ताकि अध्ययनरत बच्चों के लिए विद्यालय में उचित शैक्षणिक वातावरण का निर्माण कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराया जा सके, परंतु तीन महीने के लगातार निरीक्षण एवं अनुश्रवण के बाद भी सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न माध्यमों, प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया से विद्यालयों के कमियों का खबर प्राप्त होना खेदजनक है तथा स्वीकार्य नहीं हो सकता।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि एक विद्यालय में विद्यालय परिसर/वर्ग कक्ष में बोरा, टीना, मोटर साईकिल, सूखते हुए कपड़ा एवं अन्य अनावश्यक सामाग्री रखा हुआ पाया जाना अत्यंत ही खेदजनक है। ऐसा प्रतीत होता है कि विद्यालय में अवैध कब्जा किया हुआ है। इससे स्पष्ट होता है कि निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी/पर्यवेक्षक / कर्मी द्वारा मात्र औपचारिकता का निर्वहन एवं इसकी खानापूर्ति निरीक्षण के नाम पर किया जा रहा है तथा सुदृढ़ निरीक्षण व्यवस्था क्रियान्वित नहीं है। इतने लंबे समय से लगातार निरीक्षण के बाद भी जब राज्य मुख्यालय स्तर के पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने पर कमी पाया जाता है। निरीक्षण के क्रम में पाए जाने वाले त्रुटियों / कमियों को चिन्हित कर उसका निस्तारण क्यों नहीं किया जा रहा है, इसकी जबावदेही आपकी होती है।
सही से निरीक्षण नहीं करेंगे तो होगी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव ने DEO को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अधिकारी सही से निरीक्षण नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण करने वाले अधिकारी-कर्मी सही तरीके से निरीक्षण नहीं करते हैं तो संबंधित जिला स्तरीय निरीक्षी पदाधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाए। वहीं आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे पदाधिकारी / पर्यवेक्षक / कर्मी द्वारा निरीक्षण के क्रम में यदि किसी भी तरह की लापरवाही उनके स्तर पर परिलक्षित होने पर उन्हें तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाए। इसके बाद रिक्त पदों के लिए नियमानुसार चयन किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि विद्यालयों के शैक्षणिक परिवेश, आधारभूत संरचना एवं विद्यालय प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारियों के स्तर से अनुश्रवण एवं निगरानी की समीक्षा करते हुए निराकरण सुनिश्चित किया जाए।