बिहार के मशहूर कायरोप्रैक्टर डॉ. रजनीश कांत की कीर्तियों में एक और इज़ाफ़ा, मिला वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान

Edited By Swati Sharma, Updated: 19 Jul, 2024 05:58 PM

another addition to the glory of bihar s famous chiropractor dr rajneesh kant

आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के इस जमाने मे एक ऐसी चिकित्सा पद्धति भी है, जिसमें ना तो दवा की जरूरत है और ना ही किसी खास सर्जरी की, बस डॉक्टर का सही चुनाव आपकी गंभीरतम बीमारियों से चुटकी भर में छुटकारा दिला सकता है। ऐसी ही एक चिकित्सा पद्धति के डॉक्टर...

पटनाः आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के इस जमाने मे एक ऐसी चिकित्सा पद्धति भी है, जिसमें ना तो दवा की जरूरत है और ना ही किसी खास सर्जरी की, बस डॉक्टर का सही चुनाव आपकी गंभीरतम बीमारियों से चुटकी भर में छुटकारा दिला सकता है। ऐसी ही एक चिकित्सा पद्धति के डॉक्टर हैं बिहार के आरा के निवासी काईरोप्रैक्टर डॉक्टर रजनीश कांत।

चिकित्सा के क्षेत्र में एक अलग मुकाम हासिल कर चुके हैं रजनीश कांत
डॉक्टर रजनीश कांत अपनी चिकित्सा पद्धति और गरीबों को देने वाले मुफ्त इलाज के चलते चिकित्सा के क्षेत्र में एक अलग मुकाम हासिल कर चुके हैं। उनको देश विदेश की कई संस्थाओं ने चिकित्सा के क्षेत्र में उनके अनोखे योगदानों के लिए पुरस्कृत किया है। इसी कड़ी में आज डॉक्टर रजनीश कांत की कीर्तियों में एक और बड़ी उपलब्द्धि जुड़ गई है। दुनिया की सबसे बड़ी और जानी मानी संस्था वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने डॉक्टर रजनीश कांत को बीती शाम ब्रिटेन की राजधानी लन्दन में बुलाकर सम्मानित किया है और इनकी उप्लब्द्धियों, कीर्तियों को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह दिया है। इसके पहले भी डॉक्टर रजनीश कांत को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिल चुका है और उसके लिए उन्हें बीते जून में दुबई में  एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से सम्मानित किया गया था।

अब रजनीश कांत को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
आरा भोजपुर के बेगमपुरा मोहल्ले के निवासी फिजियोथेरेपिस्ट, ऑस्टियोपैथ और कायरोप्रैक्टर डॉ. रजनीश कांत ने अपनी इस अनोखी चिकित्सा पद्धति से देश-विदेश में लोगों का इलाज कर चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति का एक ऐसा बिगुल फूंक दिया है, जिसकी गूंज पूरी दुनिया मे चहुंओर सुनाई पड़ रही है। उनकी इस चिकित्सा प्रणाली से अब तक देश-विदेश के हजारों लोग लाभान्वित होकर स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं।  कायरोप्रैक्टर  चिकित्सा पद्धति से बहुत कम समय में सबसे अधिक मरीजों का सफल इलाज करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। इन सभी उपलब्धियों के कारण इन्हें पहले विश्व प्रसिद्ध संस्था एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सम्मानित किया है। इन दोनों संस्थाओं/पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले डॉक्टर रजनीश कांत देश के चुनिंदा लोगों में शुमार हो गए हैं, जिन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में इन दोनों संस्थाओं की तरफ से पुरस्कृत किया गया हो।

इस मौके पर कई बड़ी हस्तियां रहीं मौजूद
ब्रिटिश पार्लियामेंट लंदन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में आयोजित समारोह में डॉ रजनीश कांत को काइरोप्रैक्टर के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर उनके साथ दुनिया की चिकित्सा क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां भी मौजूद रहीं। इस अवसर पर सम्मानित होने के बाद बोलते हुए डॉ. रजनीश कांत ने कहा कि यह फिजियोथेरेपी, ऑस्टियोपैथी और काइरोप्रैक्टर मानवीय शारीरिक संरचना के उपचार का एक ऐसा रूप है जहां हम हर तरफ से इलाज करवाकर निराश हो चुके लोगों का इलाज करते हैं और उन्हें ठीक करके ही घर भेजते हैं, जिसमें इसमें न तो किसी दवा का प्रयोग किया जाता है और न ही किसी विशेष प्रकार की सर्जरी की जाती है।

महीने की पहली तारीख को 100 मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं रजनीश कांत
अब तक इस पद्धति से कमर दर्द, पैर दर्द, नस दर्द, गैस्ट्रिक, सिर दर्द, कमर दर्द, बदहजमी जैसी कई प्रकार की बड़ी बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर के बेगमपुरा मोहल्ले जैसी छोटी जगह से आने वाले डॉक्टर रजनीश कांत बहुत ही कम उम्र में सफलता के शिखर पर पहुंच गए हैं। जहां चिकित्सा के क्षेत्र में नित्य प्रति उनकी डिमांड बढ़ते ही जा रही है। डॉक्टर रजनीश कांत महीने की पहली तारीख को अपनी पद्धति से 100 मरीजों का मुफ्त इलाज भी करते हैं। इसके अलावा भी वे आर्थिक रूप से असक्षम लोगों का भी मुफ्त इलाज करते रहते हैं ।

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