पटना को मिलेगा पहला डबल-डेकर फ्लाईओवर, अप्रैल में होगा उद्घाटन

Edited By Ramanjot, Updated: 28 Mar, 2025 08:54 PM

ashok rajpath traffic solution

राजधानी के अत्यधिक व्यस्ततम अशोक राजपथ पर यातायात को सुगम बनाने और इसे जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए बन रहे डबल-डेकर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है। यह परियोजना 422 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही है।

पटना:राजधानी के अत्यधिक व्यस्ततम अशोक राजपथ पर यातायात को सुगम बनाने और इसे जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए बन रहे डबल-डेकर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है। यह परियोजना 422 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने शुक्रवार को निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

अप्रैल में होगा लोकार्पण

पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य इसी माह  पूर्ण कर लिया जाएगा। इसे अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस डबल-डेकर फ्लाईओवर की कुल लंबाई 2.2 किमी है। पहला स्तर 1.5 किमी लंबा होगा, जो पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक होगा। जबकि दूसरा स्तर कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक होगा। 

पटना मेट्रो से भी होगी कनेक्टिविटी

इसे पटना मेट्रो, बाकरगंज नाला पर सड़क और पीएमसीएच में प्रस्तावित मल्टी-लेवल कार पार्किंग से भी जोड़ा जाएगा। साथ ही, इसे जेपी गंगा पथ (पटना रिवर फ्रंट) से कृष्णा घाट से लिंक किया जाएगा। 

छात्रों, मरीजों और व्यापारियों को होगा लाभ

अशोक राजपथ, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय और पटना सिटी क्षेत्र में यातायात का दबाव कम करने में यह फ्लाईओवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ छात्रों, मरीजों और व्यापारियों को मिलेगा, जिन्हें अब ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।

आधुनिक तकनीक से बन रहा है डबल-डेकर फ्लाईओवर

इस डबल-डेकर फ्लाईओवर को आधुनिकतम तकनीक से तैयार किया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि परियोजना का आधारभूत निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और अब सुपर-स्ट्रक्चर तथा फिनिशिंग कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है।

परिवहन व्यवस्था में होगा ऐतिहासिक बदलाव

इस फ्लाईओवर के चालू होने से पटना की यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। गांधी मैदान से साइंस कॉलेज और पटना कॉलेज से गांधी मैदान की ओर आने-जाने वाले वाहनों को अलग-अलग स्तर पर नियंत्रित किया जा सकेगा। जिससे सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा। मंत्री ने विश्वास जताया कि यह परियोजना राजधानी के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होगी और पटना को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रदान करेगी।

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