Edited By Ramanjot, Updated: 20 Mar, 2025 07:01 PM

ल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत लघु जल संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पटना जिले के छह प्रखंडों (मसौढ़ी, पुनपुन, दनियावां, खुसरूपुर, पालीगंज, धनरूआ) में महत्वपूर्ण आहर-पईन योजनाओं को मंजूरी दी है।
पटना: जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत लघु जल संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पटना जिले के छह प्रखंडों (मसौढ़ी, पुनपुन, दनियावां, खुसरूपुर, पालीगंज, धनरूआ) में महत्वपूर्ण आहर-पईन योजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं पर 2088.69 लाख रुपये की लागत आएगी, जिससे 4,054 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई सुविधा को पुनः बहाल किया जाएगा। इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल संचयन को मजबूत करना, सिंचाई क्षमता में वृद्धि करना और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है।
सरकार ने इन योजनाओं को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इनके क्रियान्वयन से न सिर्फ किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि भूजल स्तर में सुधार होगा और जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
किन योजनाओं को मिली स्वीकृति?
मसौढ़ी प्रखंड में तीन बड़ी योजनाएं
- चकिया चिथौल पईन योजना – ₹142.58 लाख, 240 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता।
- दौलतपुर भुजौर पईन योजना – ₹168.03 लाख, 400 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा।
- लहसुना पईन योजना – ₹269.51 लाख, 507 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता।
पुनपुन प्रखंड में दो प्रमुख परियोजनाएं
- पंवार पईन योजना – ₹181.34 लाख, 388 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा।
- लखनपार अकौना पईन योजना – ₹264.24 लाख, 464 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा।
दनियावां में दो जल संरचनाओं का पुनरुद्धार
- एतवारीटोला एरई पईन योजना – ₹212.28 लाख, 383 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता।
- खरमैया पईन योजना – ₹132.98 लाख, 220 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा।
खुसरूपुर में एक प्रमुख परियोजना
- चुहरमल स्थान चौरा पईन योजना – ₹93.48 लाख, 168 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता।
पालीगंज में सबसे बड़ी योजना को मिली मंजूरी
- ढोकहरा करौती आहर पईन स्लूईस गेट योजना – ₹337.69 लाख, 725 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा।
धनरूआ में भी होगा जल संरचनाओं का विकास
- सांडा पईन योजना – ₹286.59 लाख, 559 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा।
- बिहार सरकार की जल संरक्षण नीति को मिलेगी मजबूती
इन परियोजनाओं के पूरा होने से सिंचाई सुविधाओं में बड़ा सुधार होगा। इससे जल संचयन को बढ़ावा मिलेगा और भूजल स्तर में संतुलन बना रहेगा। बिहार सरकार की सस्टेनेबल वॉटर मैनेजमेंट स्ट्रैटेजी के तहत यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।