बाबा सिद्दीकी का बिहार से था गहरा नाता, शिक्षा से वंचित लोगों के लिए प्रदेश में खोले थे 40 निशुल्क केंद्र

Edited By Ramanjot, Updated: 14 Oct, 2024 12:46 PM

baba siddiqui had opened 40 education centers in bihar

बाबा सिद्धिकी ने बहुत पहले कहा था कि वह अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने अपने पिता के नाम पर अब्दुल रहीम सिद्दीकी मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत की थी। बाबा सिद्दीकी ने कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए आया हूं। मेधावी...

पटना: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी का बिहार से गहरा नाता रहा है और उन्होंने शिक्षा से वंचित लोगों के लिए 40 निशुल्क केंद्र खोला था। बाबा सिद्दीकी की शनिवार की शाम अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। उनका गोपालगंज में पुश्तैनी घर है। गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड के शेखटोली गांव में उनका परिवार रहता था। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती पांच साल गोपालगंज के शेख टोली गांव में बिताया था। 

बाबा सिद्दीकी किशोरावस्था और युवावस्था के दौरान पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी के साथ घड़ी रिपेयर करने का काम करते थे। लगभग पांच दशक पहले ही पिता ने जब मुंबई शिफ्ट होने का फैसला किया तो बाबा सिद्दीकी भी परिवार के साथ मुंबई आ गए। बिहार के रहने वाले बाबा सिद्दीकी ने मुंबई को अपना कर्म क्षेत्र बनाया और महाराष्ट्र की राजनीति में उनका एक बड़ा राजनीतक कद रहा है। एक बिहारी होकर मुंबई की राजनीति में उन्होंने बहुत बड़ा नाम किया था। बाबा सिद्दीकी 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे और 2004-08 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया।

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12 से 13 हजार बच्चे प्राप्त कर रहे निशुल्क शिक्षा 
बाबा सिद्धिकी ने बहुत पहले कहा था कि वह अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने अपने पिता के नाम पर अब्दुल रहीम सिद्दीकी मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत की थी। बाबा सिद्दीकी ने कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए आया हूं। मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें जाति और धर्म आड़े नहीं आएगी। फिर भी वे अपने घर को नहीं भुला पाए थे। उन्हीं की तरह वह भी अपने गांव से उतना ही प्रेम करते थे। वह कहते थे कि बिहार शिक्षा की धरती है। मेहनत के बदौलत बिहार के लोग देश और दुनिया में अपना परचम लहरा रहे हैं। बाबा सिद्दीकी के भतीजे मोहम्मद गुफरान ने बताया कि बिहार के सभी जिलों में करीब 12 से 13 हजार बच्चे निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हर केंद्र पर 300 से 400 बच्चे नामांकित है। उन्होंने बताया कि‘चार दिन पहले जब उनसे बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि वे महाराष्ट्र चुनाव होने के बाद गोपालगंज आएंगे। ‘करीब 6 साल पहले 2018 में सिद्दीकी अपने पुश्तैनी घर आए थे और गांववालों से गर्मजोशी से मिले थे। 
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बाबा सिद्दीकी की फोटो दिखाता उनका भतीजा

सिद्दीकी को गरीबों का मसीहा बता रहे गांव के लोग 
पुश्तैनी घर और जमीन से सिद्दीकी आखिरी वक्त तक जुड़े रहे। बाबा सिद्धिकी ने कुछ साल पहले अपने बचपन को याद करते हुए फेसबुक पर पोस्ट भी किया था। बाबा सिद्दीकी ने 25 जून 2020 को फेसबुक पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, मेरे पिताजी का जन्म बिहार गोपालगंज मांझा में हुआ था, मुझे मांझा में बचपन की यादें हैं। 83 लोगों के परिवारों के लिए मेरी हार्दिक संवेदना है जो बिजली के वोल्ट के कारण गुजर गए। इन कठिन समय में मैं बिहार के लोगों के लिए दुआ करता हूं। मांझा में पिछली यात्रा से कुछ तस्वीरें साझा कर रहा हूं। बाबा सिद्धिकी के निधन के बाद गोपालगंज में उनके पैतृक गांव शेखटोली में शोक की लहर है। गांव वाले सिद्दीकी को गरीबों का मसीहा बता रहे हैं। इसके साथ वे उनकी हत्या करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं। 

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