Edited By Ramanjot, Updated: 22 Nov, 2024 12:57 PM
यह तांबे का डाक टिकट भारत के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के प्रशासन के दौरान पूर्वी भारत बंगाल प्रेसीडेंसी द्वारा जारी किया गया था। उस समय थॉमस इवांस प्रेसीडेंसी में पोस्टमास्टर जनरल थे और चार्ल्स ग्रीम डिप्टी पोस्टमास्टर जनरल पटना थे। अनिल कुमार...
पटना: बिहार के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार ने कॉपर टिकट जारी होने के 250 वर्ष और पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में माई स्टाम्प जारी किया। बिहार के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार ने जी.पी.ओ. परिसर, पटना में माई स्टाम्प जारी किया। इस अवसर पर अनिल कुमार ने कहा कि 31 मार्च 1774 को दुनिया ने संचार के इतिहास में एक क्रांति देखी, जब डाक के संचरण के लिए तत्कालीन अजीमाबाद और वर्तमान में बिहार की राजधानी पटना से पहला ‘प्रीपेड टोकन'जारी किया गया, जिसे ‘कॉपर टिकट' के रूप में जाना जाता है।
यह तांबे का डाक टिकट भारत के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के प्रशासन के दौरान पूर्वी भारत बंगाल प्रेसीडेंसी द्वारा जारी किया गया था। उस समय थॉमस इवांस प्रेसीडेंसी में पोस्टमास्टर जनरल थे और चार्ल्स ग्रीम डिप्टी पोस्टमास्टर जनरल पटना थे। अनिल कुमार ने कहा कि पटना जी.पी.ओ. भवन ब्रिटिश पुनरुत्थान गौथिक वास्तुकला शैली में अंग्रेज वास्तुकार जोसेफ फिलिप्स मुनिंग द्वारा 22.9 एकड़ भूमि पर 1.93 लाख वर्ग फुट में निर्माण की नीव लॉर्ड चार्ल्स हार्डिंग ने 1915 में रखी और 2.69 लाख रुपए की लागत से 1 जुलाई 1917 को उद्घाटन किया गया। इस इमारत को वर्ष 2000 में 1.25 करोड़ रुपए की लागत से पांच उद्यानों, दो भित्तिचित्रों और एक राजसी सहस्राब्दी द्वार और तीन पोटिर्को के साथ पुनर्निर्मित किया गया था।
मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि यह बिहार के प्रत्येक निवासी के लिए गर्व और खुशी की बात है कि इन दो ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित विरासतों की थीम पर 'माई स्टैम्प' जारी किया गया है। इसके बाद, हर कोई निकटतम डाकघर से संपर्क करके कॉपर टिकट के 250वें वर्ष और पटना जीपीओ के 107वें वर्ष की थीम पर माय स्टाम्प टिकट प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर परिमल सिन्हा, पोस्टमास्टर जनरल, उत्तरी क्षेत्र मुजफ्फरपुर, मनोज कुमार, पोस्टमास्टर जनरल, पूर्वी क्षेत्र, भागलपुर, पवन कुमार, निदेशक डाक सेवाएँ ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को सुशोभित किया।