Edited By Ramanjot, Updated: 13 Feb, 2025 01:52 PM
Bara Massacre: बारा नरसंहार में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भभाकप-माओवादी द्वारा एक विशेष जाति के 35 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस नरसंहाप को 33 साल बीत चुके हैं, लेकिन यह घटना अब भी लोगों के दिलों में ताजा है। बारा गांव के लोगों के लिए...
Bara Massacre: साल 1992 की वो रात जब माओवादी (Naxalites) संगठन के एक विशेष समुदाय के 35 लोगों की निर्मम हत्या (Murder) कर दी थी...उस काली रात को याद कर लोग आज भी सिहर उठते हैं। इस घटना ने बिहार नहीं, पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। दरअसल, यह भयावह घटना 1992 में गया (Gaya) जिले के टेकारी थाना क्षेत्र स्थित बारा गांव में 12-13 फरवरी की रात को हुई थी।
बारा नरसंहार में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी द्वारा एक विशेष जाति के 35 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस नरसंहार को 33 साल बीत चुके हैं, लेकिन यह घटना अब भी लोगों के दिलों में ताजा है। बारा गांव के लोगों के लिए यह घटना एक काली रात की तरह है, जिसका असर उनकी जिंदगी पर हमेशा रहेगा।
बता दें कि इस मामले में कई सालों तक कानूनी कार्रवाई चली थी। इस नरसंहार की प्राथमिकी सत्येंद्र शर्मा ने दर्ज कराई थी। इस मामले में कई अभियुक्तों को सजा दी गई, जिनमें से किरानी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।