Edited By Ramanjot, Updated: 09 Mar, 2025 07:49 PM

बिहार में किसानों को संगठित करने और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) मेला एवं कार्यशाला-2025 का तीन दिवसीय आयोजन (7-9 मार्च) पटना के मीठापुर कृषि भवन परिसर में किया गया।
पटना: बिहार में किसानों को संगठित करने और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) मेला एवं कार्यशाला-2025 का तीन दिवसीय आयोजन (7-9 मार्च) पटना के मीठापुर कृषि भवन परिसर में किया गया। इस कार्यक्रम में 1,000 से अधिक किसानों ने भाग लिया और 44 स्टॉल्स के जरिए आधुनिक कृषि तकनीक और उत्पादों की जानकारी प्राप्त की। एफपीओ मॉडल को बढ़ावा देने और किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ने के इस प्रयास को बिहार सरकार के कृषि विभाग का समर्थन प्राप्त था।
एफपीओ मेला: किसानों के लिए ज्ञान और व्यापार का अनूठा संगम
- कृषि विपणन निदेशक शैलेन्द्र कुमार ने किया समापन, सचिव संजय कुमार अग्रवाल के निर्देशन में हुआ आयोजन।
- 44 स्टॉल्स पर मखाना, गेहूं, चावल, मसाले, मोटे अनाज, दलहन, तेलहन, शहद और बागवानी उत्पादों की प्रदर्शनी।
- तीन दिनों में 3 लाख रुपये से अधिक के कृषि उत्पादों की बिक्री।
- कृषि अवसंरचना निधि, ई-नाम, निर्यात, मार्केटिंग, ब्रांडिंग और बीज उत्पादन पर किसानों को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण।
- सफल एफपीओ मॉडलों की जानकारी, किसानों के अनुभवों का साझा मंच।
किसानों के लिए लाभकारी सेमिनार और प्रशिक्षण
- राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) के माध्यम से कृषि उपज विपणन पर जागरूकता।
- मक्का, प्याज और दालों की खरीद प्रक्रिया और गुणवत्ता मानकों पर चर्चा।
- कृषि उत्पादों के प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग से जुड़ी अहम जानकारियां।
- एफपीओ के लिए बीज, उर्वरक लाइसेंस और कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति पर विशेष सत्र।
- किसानों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एपीडा, SFAC, राष्ट्रीय बीज निगम और अन्य संस्थाओं से मार्गदर्शन मिला।
किसानों के लिए प्रेरणादायक मंच बना यह मेला
- एफपीओ मॉडल को मजबूती, किसानों को संगठित व्यापार का प्रशिक्षण।
- अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक बिहार के कृषि उत्पादों की पहुंच को बढ़ावा।
- किसानों को प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग के जरिए अधिक मुनाफे की राह दिखाई।
- कृषि उत्पादों के निर्यात को लेकर जागरूकता अभियान।