Edited By Ramanjot, Updated: 29 Mar, 2025 10:42 AM

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए बीपीएससी को निर्देश दिया कि वह परीक्षा के सुरक्षा उपायों और समग्र प्रबंधन की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक स्थायी उच्च स्तरीय समिति का...
पटना: पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के 13 दिसंबर 2024 और 04 जनवरी 2025 को आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा (PT) को रद्द कर दुबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर आयोग को मुख्य परीक्षा को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित कराने का आदेश दिया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए बीपीएससी को निर्देश दिया कि वह परीक्षा के सुरक्षा उपायों और समग्र प्रबंधन की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक स्थायी उच्च स्तरीय समिति का गठन करे। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि परीक्षा प्रक्रिया को सर्वोच्च निष्पक्षता, पारदर्शिता और अनुशासन के साथ आयोजित किया जाना चाहिए।
अदालत ने परीक्षा प्रक्रिया में पाई गई खामियों की ओर इशारा करते हुए बीपीएससी को संरचनात्मक सुधार करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को और अधिक सख्त बनाने एवं उसका अक्षरश: पालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही अदालत ने बीपीएससी को यह भी निर्देश दिया कि परीक्षा प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में शिकायतों के निवारण के लिए एक समर्पित विंग का गठन किया जाए और डिजिटल वॉटरमार्किंग और ट्रैकिंग जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाया जाए। अदालत ने पूरे मामले की सुनावई पूरी करने के बाद 19 मार्च 2025 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।