Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jun, 2025 05:34 PM
1977 में यहां से उमाशंकर सिंह ने जनता पार्टी की टिकट पर जनता का समर्थन हासिल कर लिया था तो 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज से जनता पार्टी की टिकट पर उमाशंकर सिंह ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 1990 में जनता दल के कैंडिडेट के तौर पर...
Maharajganj Assembly Seat: महाराजगंज विधानसभा सीट महाराजगंज लोकसभा के तहत आता है। 1951 में महाराजगंज सीट अस्तित्व में आया था। 1951 में महाराजगंज सीट पर हुए चुनाव में केएमपीपी के कैंडिडेट महामाया प्रसाद सिन्हा ने जीत हासिल की थी। 1957 में महाराजगंज सीट पर अनुसूया देवी ने कांग्रेस की कैंडिडेट के तौर पर जनता का समर्थन हासिल किया था । 1962 के विधानसभा चुनाव में एसडब्ल्यूए पार्टी के कैंडिडेट उमाशंकर प्रसाद को जीत मिली थी। वहीं 1967 में हुए चुनाव में महाराजगंज सीट से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट के पी शाही ने जीत हासिल की थी। 1969 में हुए चुनाव में यहां से बीकेडी पार्टी के महामाया प्रसाद सिन्हा ने जनता का समर्थन हासिल किया था। वहीं 1972 में हुए चुनाव में महाराजगंज से कांग्रेस की टिकट पर अनुसूया देवी ने विरोधियों को करारी शिकस्त दे दी थी।

1977 में यहां से उमाशंकर सिंह ने जनता पार्टी की टिकट पर जनता का समर्थन हासिल कर लिया था तो 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज से जनता पार्टी की टिकट पर उमाशंकर सिंह ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 1990 में जनता दल के कैंडिडेट के तौर पर उमाशंकर सिंह ने महाराजगंज में एक बार फिर विरोधियों को मात देने में कामयाबी हासिल की थी। वहीं 1995 में महाराजगंज से जनता दल के कैंडिडेट बैद्यनाथ पांडे ने जीत हासिल की थी। 2000 के चुनाव में महाराजगंज सीट पर हुए विधानसभा चुनाव को उमाशंकर सिंह ने एसएपी पार्टी के टिकट पर जीत लिया था। 2005 और 2010 के चुनाव में दामोदर सिंह ने जेडीयू के कैंडिडेट के तौर पर महाराजगंज से जनता का समर्थन हासिल किया था। वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट हेमनारायण शाह ने जीत हासिल की थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार विजय शंकर दुबे ने पंजा जमा दिया था।
Maharajganj Assembly Seat Result 2020 ।। एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार विजय शंकर दुबे ने जीत हासिल की थी। विजय शंकर दुबे को 48 हजार आठ सौ 25 वोट मिला था तो जेडीयू कैंडिडेट हेम नारायण शाह 46 हजार आठ सौ 49 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से विजय शंकर दुबे ने हेम नारायण शाह को महज 19 सौ 76 वोट के कम मार्जिन से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट देव रंजन सिंह 18 हजार दो सौ 78 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
Maharajganj Assembly Seat Result 2015 ।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज सीट से जेडीयू कैंडिडेट हेमनारायण शाह ने जीत हासिल की थी। हेमनारायण शाह को 68 हजार चार सौ 59 वोट मिला था तो बीजेपी कैंडिडेट कुमार देवरंजन सिंह को 48 हजार एक सौ 67 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से हेमनारायण शाह ने कुमार देव रंजन सिंह को 20 हजार दो सौ 92 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं जेडीआर कैंडिडेट सत्येंद्र कुमार गांधी, 5 हजार सात सौ 43 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
Maharajganj Assembly Seat Result 2010 ।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज सीट से जेडीयू कैंडिडेट दामोदर सिंह ने जीत हासिल की थी। दामोदर सिंह को 40 हजार दो सौ 32 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट माणिकचंद राय ने 20 हजार दो सौ 32 वोट हासिल किया था। इस तरह से दामोदर सिंह ने माणिकचंद राय को 20 हजार वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं बीएसपी कैंडिडेट सुनील राय, 8 हजार आठ सौ 19 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Maharajganj Assembly Seat Result 2005 ।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज सीट से जेडीयू कैंडिडेट दामोदर सिंह ने जीत हासिल की थी। दामोदर सिंह को 43 हजार सात सौ 99 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट उमाशंकर सिंह ने चुनाव में 30 हजार आठ सौ 33 वोट हासिल किया था। इस तरह से दामोदर सिंह ने उमाशंकर सिंह को 12 हजार नौ सौ 66 वोट से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट विश्वम्भर सिंह, 3 हजार पांच सौ 41 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

महाराजगंज विधानसभा सीट पर ब्राह्मण, राजपूत और यादव वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं रविदास और पासवान वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। पिछली बार लोजपा कैंडिडेट के वोट काटने की वजह से यहां से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई थी लेकिन अब चिराग पासवान एनडीए के साथ आ गए हैं। इसलिए महाराजगंज सीट पर इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के लिए अपनी सीट बचानी आसान नहीं होगी।