Republic Day: CM हेमंत ने दुमका में फहराया तिरंगा, झारखंड वासियों को को दीं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

Edited By Khushi, Updated: 26 Jan, 2025 11:19 AM

cm hemant hoisted the tricolor in dumka wished the people

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका के पुलिस लाइन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रकृति की गोद में बसे संथाल परगना की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं वीर सपूतों की बलिदानी भूमि से मैं, समस्त झारखंड वासियों...

दुमका: आज यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर रंगारंग झांकियां निकाली जा रही है। गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। समारोह में कई गणमान्य लोग मौजूद हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका के पुलिस लाइन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रकृति की गोद में बसे संथाल परगना की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं वीर सपूतों की बलिदानी भूमि से मैं, समस्त झारखंड वासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देता हूं और आप सब का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।

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हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि गौरव और सम्मान है। आज का यह दिन हमारे सम्प्रभुता एवं जनतंत्र के प्रति गहरी आस्था का राष्ट्रीय पर्व है। मैं, नमन करता हूं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को, पं जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, शहीदे आजम भगत सिंह और बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेदकर सहित उन महान विभूतियों को, जिनके नेतृत्व में हमारे देश ने स्वतंत्रता प्राप्त की और एक सशक्त लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में विश्व के मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए।

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हेमंत सोरेन ने कहा कि अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करना हमारी परम्परा रही है। इतिहास गवाह है कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी झारखंड  के कई आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र थे, जहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई। झारखंड  के ऐसे महान विभूतियों; भगवान बिरसा मुण्डा, तिलका मांझी, वीर शहीद सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव, बहन फूलो-झानो, वीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी, टिकैत उमरांव सिंह, पाण्डेय गणपत राय, शहीद विश्वनाथ शाहदेव को भी नमन करता हूं। उनकी संघर्ष गाथा आज भी हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

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हेमंत सोरेन ने कहा कि आज ही के दिन 26 जनवरी, 1950 को हमने अपने संविधान को पूर्णतः लागू किया था। दासता के दुख भरे इतिहास को भुलाकर एक स्वर्णिम भविष्य की आकांक्षाओं के साथ हमने अपने संविधान को अपनाया और एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लिया जहां न तो आर्थिक विषमता हो और न सामाजिक भेद-भाव। स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व हमारे संविधान की मूल भावना है और इन्हीं आदर्शों से उस ठोस आधारशिला का निर्माण हुआ है, जिन पर हमारा गणतंत्र मजबूती से खड़ा है। सीएम ने कहा कि जब हम आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों के अधिकार की बात करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से जो नाम हमारे जेहन में सबसे पहले आता है, वह है- संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का। मैं, नमन करता हूं ऐसे दूरदर्शी सोच रखने वाले राष्ट्रनिर्माता को, जिनके अथक प्रयास की बदौलत सदियों से शोषित इस वर्ग को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिला। हमारे संविधान ने सभी वर्गों के सामाजिक, धार्मिक, भाषाई एवं सांस्कृतिक हितों की रक्षा के साथ-साथ कमजोर वर्गों को अत्याचार और अन्याय से सुरक्षा प्रदान किया है और इसी का प्रतिफल है कि पिछले 75 वर्षों में देश के आदिवासी, पिछड़े, दलित एवं अल्पसंख्यक सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से पहले की तुलना में काफी सशक्त हुए हैं। मेरा मानना है कि बाबा साहब के आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात कर, उनके पदचिन्हों पर चलकर ही हम विकास के लक्ष्यों को सही अर्थों में प्राप्त कर सकते हैं।

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