Edited By Harman, Updated: 17 Dec, 2024 09:39 AM
भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार 1997 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने संजीव हंस समेत अन्य के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पटना में उनके 23.72 करोड़ के सात अचल संपत्ति को...
पटना: भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार 1997 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने संजीव हंस समेत अन्य के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पटना में उनके 23.72 करोड़ के सात अचल संपत्ति को जब्त किया है।
बता दें कि नागपुर में तीन जमीन के प्लाट, दिल्ली में एक फ्लैट और जयपुर में तीन फ्लैट को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जब्त की है। ये संपत्तियां संजीव हंस, आईएएस के सहयोगियों प्रवीण चौधरी, पुष्पराज बजाज और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं। यह कार्रवाई पीएमएलए एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।
जानकारी हो कि सोमवार को ईडी ने पटना के पीएमएलए कोर्ट में संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव, पुष्पराज, सदाब और तीन कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। साथ ही अभियुक्तों से पूछताछ, जब्त दस्तावेज और गवाहों के बयान भी सौंपे गए हैं। अब कोर्ट की ओर से सुनवाई की तिथि तय होगी और आरोपितों को समन भेजा जाएगा।
संजीव हंस और उनके सहयोगी पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर ईडी ने 18 और 19 अक्टूबर को छापेमारी की थी। इसके बाद दोनों को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी के बाद संजीव हंस पर आरोप लगाया कि बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस ने राज्य सरकार और केंद्र में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्ट आचरण के माध्यम से ‘‘अपराध की आय'' अर्जित की और इस ‘‘गलत तरीके से अर्जित'' धन को सफेद करने में पूर्व राजद एमएलसी गुलाब यादव ने उनकी मदद की।