कौशल विकास कार्यक्रमों के संचालन से मिल रहे हैं अपेक्षित परिणाम, ग्रामीण क्षेत्रों की बदल रही तस्वीर

Edited By Ramanjot, Updated: 03 Dec, 2024 11:15 AM

expected results are being achieved by conducting skill development programmes

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के युवक-युवतियों को विभिन्न विधाओं में निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण संस्थान कार्यरत है। इन संस्थानों के माध्यम से युवाओं को विभिन्न...

बिहार न्यूज: राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस प्रयोजन हेतु ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में जीविका द्वारा विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कौशल विकास कार्यक्रमों के द्वारा जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों के साथ ही उनके 18 से 35 वर्ष के बेटे-बेटियों को भी उनके योग्यता एवं हुनर के अनुरूप प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जा रहा है। बिहार में जीविका द्वारा दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। 

निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण कराए जाते हैं उपलब्ध
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के युवक-युवतियों को विभिन्न विधाओं में निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण संस्थान कार्यरत है। इन संस्थानों के माध्यम से युवाओं को विभिन्न विधाओं में तीन से 6 माह का आवासीय प्रशिक्षण एवं 2 से 3 माह का ऑन जॉब ट्रेनिंग दिए जाने के उपरांत उन्हें संगठित क्षेत्र की कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना से ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल रही है। इसके तहत अब तक कुल 83931 युवक-युवतियों को प्रशिक्षित किया गया है और 45255 युवक-युवतियों को नियोजित किया गया है। राज्य के विभिन्न जिलों एवं प्रखंडों में रोजगार मेले का आयोजन कर युवाओं को सीधा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 

अबतक 816 रोजगार मेले का किया गया आयोजन
रोजगार मेले में 10 से 12 या इससे भी अधिक संख्या में नियोक्ता कम्पनियां एवं प्रशिक्षण संस्थान अपना स्टॉल लगाते हैं और युवाओं का पंजीकरण कर उन्हें सीधा रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अबतक 816 रोजगार मेले का आयोजन किया गया है जिससे 61971 युवाओं को रोजगार मिला है। साथ ही आर-सेटी के तत्वाधान में जीविका समूह से जुडी महिलाओं एवं बेटे-बेटियों तथा परिजनों को भी उनके हुनर एवं रूचि के अनुरूप प्रशिक्षण देकर ऋण उपलब्ध कराते हुए स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में आर्थिक और सामाजिक स्वावलंबन तथा सशक्तिकरण देखने को मिल रहा है। जीविका और आर-सेटी के समन्वय से 326414 ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है जिसके अंतर्गत 238578 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। 

ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास में प्रोजेक्ट उन्नति का भी बड़ा योगदान है। बिहार में जीविका द्वारा संचालित प्रोजेक्ट उन्नति के व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन से अकुशल मजदुर विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण पाकर कुशल मजदूर बन रहे हैं। उनकी कार्य कुशलता तो बढ़ी ही है साथ-ही-साथ उन्हें स्वरोजगार भी उपलब्ध हुआ है। प्रोजेक्ट उन्नति के तहत अब तक 4904 मजदूरों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार सुनिश्चित कराया गया है। 

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