Edited By Ramanjot, Updated: 26 Mar, 2025 08:19 PM

बकरीपालन एक ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बकरियों से हम न केवल मांस और दूध लेते हैं, बल्कि बकरीपालन से किसानों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत भी मिलता है।
पटना: बकरीपालन एक ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बकरियों से हम न केवल मांस और दूध लेते हैं, बल्कि बकरीपालन से किसानों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत भी मिलता है। बकरीपालन बिहार में स्वरोजगार का एक प्रभावी माध्यम बन रहा है। ये बाते पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने पटना के एक्जीबिशन रोड स्थित एक निजी होटल में आयोजित एक कार्यशाला में कही।
कार्यशाला का उद्घाटन पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री रेणु देवी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस एक दिवसीय कार्यशाला में पशुपालन विशेषज्ञों और अनुभवी किसानों ने भाग लिया और बकरी पालन के आधुनिक तरीकों पर आगन्तुक अतिथियों के सामने चर्चा की गई।
बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य बकरीपालन को आधुनिक तकनीकों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और संगठित बाजारतंत्र से जोड़कर बकरीपालको की आय बढ़ाने और सतत् आजीविका सुनिश्चित करने पर सामुहिक प्रयास करना है। जहाँ बिहार में वित्तीय वर्ष-2004-05 में 176 हजार टन मांस का उत्पादन होता था, वही 2023-24 में ये बढ़कर 404.30 हजार टन हो गया है।विभाग द्वारा बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत विभिन्न क्षमता के बकरी फ़ार्म की स्थापना पर 50-60 प्रतिशत तक अनुदान देकर स्वरोजगार हेतु राज्य के लोगों को बकरीपालन के व्यवसाय से जोड़ा जा रहा है।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने कहा कि पूरे विश्व में भारत दूध उत्पादन में नंबर एक है। साथ ही बकरी पालन में विश्व भर में दूसरे स्थान पर है। वहीं पूरे भारत में बिहार बकरी पालन में चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने कहा कि हमलोगों को और आगे जाना है और देश में पहला स्थान प्राप्त करना है। विभाग से संबंधित उत्पाद जैसे दूध, अंडा, मछली, मांस के उत्पादन में बिहार पूरे जीएसडीपी में करीब 90 हजार करोड़ का सालाना व्यवसाय करता है।
इस मौके पर पशुपालन निदेशालय के निदेशक नवदीप शुक्ला, अपर निदेशक डॉ. रजनी रमण श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक मुख्यालय डॉ. अरविन्द कुमार, संयुक्त निदेशक पशु स्वास्थ्य डॉ. सुनील कुमार ठाकुर मौजूद रहे।