"भारत अभी पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, हम जल्द ही जर्मनी और जापान को छोड़ेंगे पीछे", मोतिहारी में बोले धनखड़

Edited By Ramanjot, Updated: 08 Dec, 2024 08:34 AM

india is currently the fifth largest economy dhankhar said in motihari

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा करते हुए किसी का नाम लिए बिना धनखड़ ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भ्रष्टाचार की संस्कृति का उन्मूलन हुआ है और बिचौलियों का सफाया हो गया है। उपराष्ट्रपति ने कहा, "विश्व हमें...

मोतिहारी: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि वर्ष 2047 तक "विकसित भारत" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि हासिल करने की आवश्यकता है। धनखड़ ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय- मोतिहारी के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह भी उम्मीद जताई कि देश, जो वर्तमान में दुनिया की "पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था" है, "जल्द ही जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा"। 

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केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा करते हुए किसी का नाम लिए बिना धनखड़ ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भ्रष्टाचार की संस्कृति का उन्मूलन हुआ है और बिचौलियों का सफाया हो गया है। उपराष्ट्रपति ने कहा, "विश्व हमें आश्चर्य से देख रहा है क्योंकि हम वैश्विक मंच पर अपना उचित स्थान पाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम अभी पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, लेकिन चीजें बेहतर होती दिख रही हैं और जल्द ही हम जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देंगे।"

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धनखड़ ने कहा कि यदि वर्ष 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने तक "विकसित भारत" के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो राष्ट्र को बहुत कुछ हासिल करना होगा। धनखड़ ने कहा, "मैं शायद उस दिन को देखने के लिए जीवित नहीं रहूंगा, लेकिन इसका दायित्व यहां मौजूद छात्रों जैसे युवाओं पर है। हमें प्रति व्यक्ति आय को आज की तुलना में आठ गुना बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए हमारे युवाओं को कठोर परिश्रम करने की आवश्यकता होगी।" बिहार के मुख्यमंत्री और जद(यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उपराष्ट्रपति ने कहा, "मैं तब सांसद था, जब आपके मौजूदा मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री थे। उनके नेतृत्व में राज्य ने बहुत कुछ हासिल किया है। उन्होंने हमारे अतीत से सबक लिया है, जिसमें हमने देश के स्वर्ण भंडार को गिरवी रखे जाने जैसी भयावह घटनाएं देखी हैं।" 

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धनखड़ का इशारा 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के शासनकाल की ओर था, जब गंभीर वित्तीय संकट के चलते भारतीय रिजर्व बैंक को ऋण जुटाने के लिए विदेशी बैंकों के पास कई टन सोना गिरवी रखना पड़ा था। इससे पहले उपराष्ट्रपति ने "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत अपनी दिवंगत मां की याद में एक पौधा लगाया। उन्होंने कहा, "लोगों को अपने व्यक्तिगत प्रयासों के प्रभाव पर संदेह नहीं करना चाहिए। इस "एक पेड़ मां के नाम" अभियान पर विचार करें और कल्पना करें कि अगर सभी 140 करोड़ लोग सिर्फ एक-एक पौधा लगाएं तो यह हमारे पर्यावरण में कितना अंतर ला सकता है।" इस समारोह को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर और स्थानीय सांसद तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने भी संबोधित किया।

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