"सिर्फ बौद्ध भिक्षुओं के पास हो महाबोधि मंदिर का संरक्षण", मायावती ने मंदिर में हिंदू प्रबंधक पर जताई कड़ी आपत्ति

Edited By Ramanjot, Updated: 11 Apr, 2025 01:02 PM

mayawati strongly objected to the hindu manager in mahabodhi temple

मायावती ने गुरुवार को कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर ने अपने आखि़री समय में 14 अक्तूबर 1956 को अपने अनुयायियों के साथ धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, तो उसे भी अब जातिवादी मानसिकता के लोग सनातनी बनाने में लगे हैं,...

Bihar News: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने बिहार के गया में महाबोधि मंदिर में हिंदू प्रबंधक पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने बिहार सरकार के फैसले की आलोचना करते गैर बौद्ध पुजारियों को हटाने की मांग की है। 

"जातिवादी मानसिकता के लोग सनातनी बनाने में लगे..." 
मायावती ने गुरुवार को कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर ने अपने आखि़री समय में 14 अक्तूबर 1956 को अपने अनुयायियों के साथ धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, तो उसे भी अब जातिवादी मानसिकता के लोग सनातनी बनाने में लगे हैं, यह अति चिंता की बात है। यह बात सर्वविदित है कि बिहार का बोधगया में तथागत गौतम बुद्ध के पवित्र ज्ञान स्थली पर स्थापित भव्य व अति-प्राचीन महाबोधि मन्दिर में सरकारी व ग़ैर-सरकारी स्तर पर गै़र-बौध धर्म के मानने वालों के बढ़ते हुए प्रभाव एवं दखल को लेकर पूरे देश व दुनिया भर के बौध भिक्षुओं व बौध अनुयायियों में भारी बेचैनी व आक्रोश व्याप्त है। वे लोग इसको लेकर कांग्रेस की सरकार के दौरान् सन् 1949 में बने बोधगया मन्दिर प्रबंधन कानून में ज़रूरी परिवर्तन की माँग को लेकर शान्तिमय ढ़ंग से काफी समय से आन्दोलित भी हैं।

वर्तमान सरकार को तत्काल उचित ध्यान देना ज़रूरी 
आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकार द्वारा बिहार में बोधगया मन्दिर प्रबंधन के सम्बंध में जो कानून बनाया गया था। तो उसमें जि़लाधिकारी की अध्यक्षता में चार हिन्दू व चार बौध धर्म के मानने वाले लोगों की कमेटी बनाने का प्रावधान किया गया है, जो पहली नज़र में ही अनुचित, अनावश्यक व भेदभावपूर्ण लगता है। सरकार की इस अनावश्यक दख़लन्दाज़ी की वजह से ही वहां महाबोधि मन्दिर में पूजापाठ, देख-रेख, सम्पत्तियों के संरक्षण, उसका रख-रखाव व साफ-सफाई आदि के साथ ही लाखों तीर्थ यात्रियों की सुख-सुविधा आदि को लेकर भी स्थिति लगातार असहज व तनावपूर्ण सी बनी रहने की आम शिकायत है, जिसकी वजह से बौध धर्म के मानने वालों की यह मांग है कि महाबोधि मन्दिर की पवित्रता को पूरी तरह से बनाए रखने तथा इसकी सही से देखभाल के लिए जरूरी है कि मन्दिर में पूजापाठ, उसकी सुरक्षा व संरक्षण आदि की पूरी जिम्मेदारी बौध भिक्षुओं व बौध धर्म के अनुयायियों को ही सौंपी जाए, जो इनकी यह मांग जायज है जिस पर वर्तमान सरकार को तत्काल उचित ध्यान देना ज़रूरी है।  

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि अब जबकि यह मामला काफी तूल पकड़ कर भारी विवाद का रूप धारण कर चुका है, तो ऐसे में केन्द्र व बिहार की एनडीए सरकार को इसमें तत्काल आवश्यक सुधार ज़रूर करना चाहिए, ऐसी बसपा की मांग है। 

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