"बिहार में उद्योग लगाने के लिए मिले 3,800 से अधिक प्रस्ताव", मुख्य सचिव ने कहा- विभिन्न क्षेत्र राज्य में दिखा रहे रुचि

Edited By Ramanjot, Updated: 14 Dec, 2024 05:40 PM

more than 3 800 proposals received for setting up industries chief secretary

राज्य ने निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड भी बनाया। मुख्य सचिव ने कहा, '2016 से अब तक पिछले नौ वर्षों में प्रोत्साहन नीति के कारण उद्योग से भारी प्रतिक्रिया मिली है। इसके बाद सरकार ने क्षेत्रवार नीतियों को मंजूरी...

पटना: बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि 2016 में प्रगतिशील औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति लागू होने के बाद से राज्य में कारखाने लगाने के लिए 3,800 से अधिक प्रस्ताव मिले हैं। बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 निवेशकों को कई तरह के प्रोत्साहन देती है। इसमें ब्याज सब्सिडी से लेकर राज्य जीएसटी की प्रतिपूर्ति, स्टांप ड्यूटी माफी, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क में रियायतें शामिल हैं। 

राज्य ने निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड भी बनाया। मुख्य सचिव ने कहा, ''2016 से अब तक पिछले नौ वर्षों में प्रोत्साहन नीति के कारण उद्योग से भारी प्रतिक्रिया मिली है। इसके बाद सरकार ने क्षेत्रवार नीतियों को मंजूरी दी है। इसलिए, विभिन्न क्षेत्रों से राज्य औद्योगिक प्रोत्साहन बोर्ड को विचार के लिए 3,800 से अधिक प्रस्ताव मिले हैं और 3,100 प्रस्तावों को प्रथम चरण की मंजूरी दी गई है।'' उन्होंने कहा, ''780 से अधिक उद्योग चालू हो चुके हैं, जो लगभग 34,000 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। अब तक लगभग 8,000 करोड़ रुपए का निवेश आया है।'' उन्होंने कहा कि ये उद्योग मुख्य रूप से खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी और सीमेंट क्षेत्रों से हैं। राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ से अधिक का भूमि बैंक बनाया है।

मीणा ने कहा, ''अब विभिन्न क्षेत्र बिहार में रुचि दिखा रहे हैं और बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण, जो उद्योगपतियों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए राज्य की सर्वोच्च संस्था है, के पास 3,000 एकड़ से अधिक अधिशेष भूमि है।'' उन्होंने कहा कि बिहार न केवल स्वीकृति के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की मंजूरी देता है। साथ ही, राज्य के मुख्यमंत्री नियमित रूप से उद्योगपतियों से उनकी कठिनाइयों को सुलझाने के लिए मिलते हैं। मीणा ने कहा, ''हमारी नीति ब्याज सब्सिडी, कर प्रोत्साहन, स्टांप शुल्क छूट और विभिन्न प्रकार के समर्थन सहित प्रमुख प्रोत्साहन देती है। हमारे पास एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली है, जिसके तहत व्यापार करने में आसानी के सिद्धांतों का पालन करते हुए बहुत तेजी से मंजूरी दी जाती है।'' 

 

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