Edited By Swati Sharma, Updated: 22 Oct, 2024 11:00 AM
राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने सोमवार को आरोप लगाया कि सेना के पूर्व उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) एस के सिंह को आगामी उपचुनाव में जन सुराज उम्मीदवार के तौर पर लड़ने से रोकने की कोशिशें चल रही हैं। किशोर ने संवाददाता सम्मेलन...
भभुआ: राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने सोमवार को आरोप लगाया कि सेना के पूर्व उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) एस के सिंह को आगामी उपचुनाव में जन सुराज उम्मीदवार के तौर पर लड़ने से रोकने की कोशिशें चल रही हैं।
'...आदर्श आचार संहिता के कारण उनके हाथ बंधे हुए'
किशोर ने संवाददाता सम्मेलन में वंशवाद की राजनीति का विरोध करने और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के दावों के बावजूद तरारी विधानसभा सीट से ‘‘बाहुबली के बेटे'' को मैदान में उतारने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की। इस सीट से लेफ्टिनेंट जनरल सिंह को जन सुराज ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। किशोर ने पूछा, ‘‘संबंधित अधिकारियों ने लेफ्टिनेंट जनरल सिंह का नाम मतदाता सूची में नहीं होने पर आपत्ति जताई है। क्या ऐसे व्यक्ति की साख पर कोई संदेह हो सकता है, जिसने सियाचिन में एक ब्रिगेड का नेतृत्व किया हो और वह बिहार से सेना का उप-प्रमुख बनने वाला केवल दूसरा व्यक्ति हो।'' उन्होंने कहा,‘‘ 2020 में जब सिंह की पत्नी की मृत्यु हो गई थी तबतक वह तरारी के मतदाता थे। उसके बाद उन्होंने अपना नाम नोएडा में स्थानांतरित करवा लिया, क्योंकि वह उसी शहर में रह रहे थे। उन्होंने वह फॉर्म जमा कर दिया है, जिससे उनका नाम बिहार की मतदाता सूची में फिर से दर्ज हो सकता है। लेकिन, अधिकारियों की ओर से असहयोग किया जा रहा है, जो कभी-कभी निर्वाच आयोग पर आरोप लगाते हैं और कभी-कभी दावा करते हैं कि आदर्श आचार संहिता के कारण उनके हाथ बंधे हुए हैं।"
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रशासन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के इशारे पर काम कर रहा है, किशोर ने कहा, "आप अपने निष्कर्ष निकाल सकते हैं, लेकिन हम इसे हल्के में नहीं लेंगे।" उन्होंने सिंह के चुनाव लड़ने की अनुमति के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाने की अपनी योजना की घोषणा करते हुए कहा, "अगर ऐसा नहीं होता है, तो तरारी का एक और बेटा निश्चित रूप से जन सुराज उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेगा।''