Edited By Ramanjot, Updated: 12 Nov, 2024 12:36 PM
Bihar By-election: तीन सीट तरारी, रामगढ़ और बेलागंज में महागठबंधन जबकि एकमात्र सीट इमामगंज (सु) पर राजग का कब्जा है। तरारी में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी( भाकपा-माले) जबकि रामगढ़ और बेलागंज में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का कब्जा...
Bihar By-election: बिहार विधानसभा की चार विधानसभा सीट तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज (सु) सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन दोनों के प्रत्याशी इस चुनाव को 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर एक-दूसरे को चुनौती देते नजर आएंगे।
तीन सीट तरारी, रामगढ़ और बेलागंज में महागठबंधन जबकि एकमात्र सीट इमामगंज (सु) पर राजग का कब्जा है। तरारी में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी( भाकपा-माले) जबकि रामगढ़ और बेलागंज में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का कब्जा है। इमामगंज सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के पास है। राजग और महागठबंधन दोनों दलों के दिग्गज नेताओ ने चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है। इन सभी चार सीटों पर उपचुनाव को लेकर 38 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिसमें तरारी में 10, रामगढ़ में 05, इमामगंज में 09 और बेलगंज में 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
तरारी में भाजपा और भाकपा माले के बीच मुख्य मुकाबला
तरारी बिहार विधानसभा उपचुनाव में जहां महागठबंधन में शामिल भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) हैट्रिक लगाने की फिराक में है, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर पूर्व बाहुबली विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडे के पुत्र विशाल प्रशांत अपनी सियासी पारी का आगाज कर रहे हैं। तरारी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, भाकपा माले, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), जनसुराज पार्टी, चार निर्दलीय समेत 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और भाकपा माले के बीच माना जा रहा है। इस मुकाबले को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज दिलचस्प बना सकती है। जनसुराज ने किरण सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
बेलागंज क्षेत्र में 14 प्रत्याशी मैदान में
बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से जहां दिग्गज नेता सुरेन्द्र प्रसाद यादव लगातार आठ बार निर्वाचित हुए वहीं उनके पुत्र राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार सिंह अपनी सियासी पारी का आगाज कर रहे हैं। बेलागंज क्षेत्र में राजद, जनता दल यूनाईटेड (जदयू), जनसुराज पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), छह निर्दलीय समेत 14 प्रत्याशी हैं। यहां से राजद के विश्वनाथ कुमार सिंह, जदयू से पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी, जनसुराज पार्टी से मोहम्मद अमजद और एआईएमआईएम से मोहम्मद जामिद अली हसन चुनाव मैदान में हैं।
रामगढ़ में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब चार दशक से पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और उनके परिवार के सदस्यों का दबदबा रहा है। इस सीट पर जगदानंद सिंह के छोटे पुत्र अजीत कुमार सिंह यहीं से अपनी राजनीति की शुरूआत कर रहे हैं। रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजद, भाजपा, जनसुराज , बसपा समेत पांच प्रत्याशी मैदान में हैं।
इमामगंज सीट पर फिर से कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में HAM
बिहार विधानसभा उपचुनाव में हाइप्रोफाइल इमामगंज (सुरक्षित) सीट पर जहां हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एक बार फिर से कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में है। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पार्टी की ‘लालटेन' को रोशन करने की जद्दोजहद में है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने वर्ष 2015 और वर्ष 2020 लगातार दो बार इमामगंज सीट पर जीत हासिल की थी। इमामगंज (सु) सीट पर उपचुनाव में हम, राजद, जनसुराज, पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), दो निर्दलीय समेत 09 प्रत्याशी हैं। यहां से हम से दीपा मांझी, राजद से रौशन कुमार, जनसुराज पार्टी से जीतेन्द्र पासवान और एआईएमआईएम से कंचन पासवान मैदान में हैं।
तीन सीटों को झटकने की कोशिश में जुटा राजग
इस उपचुनाव में राजग विपक्ष की तीन सीटों तरारी, रामगढ़ एवं बेलागंज को झटकने की कोशिश में जुटा है। वहीं, महागठबंधन अपनी जीती हुई सीटों को बचाने के साथ ही सत्तापक्ष की जीती हुई एक सीट (इमामगंज) पर नजर गड़ाए हुए है। इस उपचुनाव के मतो की गिनती 23 नवंबर को होगी। इस उपचुनाव में दिग्गज नेताओं के परिवार के सदस्यो की भी अग्निपरीक्षा है। देखना दिलचस्प होगा कि 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर एक-दूसरे को चुनावी दंगल में चुनौती देने वाला कौन दल अपना विजयी पतका लहरा पाता है।