Edited By Geeta, Updated: 13 Jul, 2025 07:39 PM

पटना: राज्य सरकार युवाओं को रोजगार परक बनाने पर खासा फोकस कर रही है। आगामी पांच वर्षों 2025-2030 में बिहार के युवाओं को नौकरी और रोजगार देने के लक्ष्य को दोगुना करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर इसे लेकर विस्तृत...
पटना: राज्य सरकार युवाओं को रोजगार परक बनाने पर खासा फोकस कर रही है। आगामी पांच वर्षों 2025-2030 में बिहार के युवाओं को नौकरी और रोजगार देने के लक्ष्य को दोगुना करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर इसे लेकर विस्तृत पोस्ट लिखा है। इसमें आगामी पांच वर्ष के दौरान एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित करने की बात कही गई है। इसके लिए निजी विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में भी नौकरी एवं रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे। इसे लेकर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है। बिहार में पिछले 20 वर्षों में 18 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 39 लाख युवाओं को रोजगार दिया जा चुका है।
राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को दी गई सरकारी नौकरी
मुख्यमंत्री ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा है राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारारी नौकरी और मिले, यह शुरू से ही हमारी सोच रही है। वर्ष 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की गति को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में सुशासन के कार्यक्रम सात निश्चय-2 में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का संकल्प लिया था। बाद में इसे बढ़ाकर अगस्त 2025 तक 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 38 लाख लोगों को रोजगार का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कुल 50 लाख नौकरी या रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था। मुख्यमंत्री ने इसमें खासतौर से खुशी जताते हुए उल्लेख किया है कि राज्य में अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और करीब 39 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। 50 लाख से अधिक युलवाओं को सरकारी नौकरी या रोजगार देने के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त कर लिया जाएगा। इस क्रम में अगले पांच वर्ष (2025 से 2030) में 2020-25 के लक्ष्य को दोगुना करते हुए एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है।
राज्य में स्थापित होगा कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि वर्तमान में सात निश्चय के तहत राज्य के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अगले पांच वर्षों में युवाओं के कौशल विकास के लिए सात निश्चय के तहत चल रहे कार्यक्रम को विस्तारित किया जाएगा। आने वाले समय में कौशल विकास के लिए एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिसका नाम बिहार के गौरव भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय रखा जाएगा, ताकि राज्य के युवाओं को कौशल विकास की दिशा मिल सके।