39 साल पुराने बिहार माध्यमिक परीक्षा घोटाले के 2 आरोपी बरी, साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने सुनाया फैसला

Edited By Ramanjot, Updated: 31 May, 2024 01:40 PM

2 accused acquitted in 39 year old bihar secondary examination scam case

मामला वर्ष 1985 का था। आरोप के अनुसार, वर्ष 1985 की माध्यमिक परीक्षा के आयोजन में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कर्मियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र के तहत अरवल माध्यमिक उच्च विद्यालय के प्राचार्य एवं अन्य कर्मियों की मिलीभगत से नियमित छात्रों से बहुत...

पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के वर्ष 1985 की माध्यमिक परीक्षा में हुए घोटाला मामले में पटना की एक विशेष अदालत ने दो आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। निगरानी के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद रुस्तम ने मामले में सुनवाई के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तत्कालीन सहायक कन्हैया सिंह और रत्नेश्वर झा को दोषी करार देने के लिए पर्याप्त सबूत न पाते हुए उन्हें बरी किए जाने का निर्णय सुनाया।

मामला वर्ष 1985 का था। आरोप के अनुसार, वर्ष 1985 की माध्यमिक परीक्षा के आयोजन में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कर्मियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र के तहत अरवल माध्यमिक उच्च विद्यालय के प्राचार्य एवं अन्य कर्मियों की मिलीभगत से नियमित छात्रों से बहुत अधिक संख्या में अवैध छात्रों को जाली दस्तावेज तैयार कर नियमित छात्र के रूप में परीक्षा दिलवाई गई थी। इस मामले में आठ लोगों को प्राथमिकी का नामजद अभियुक्त बनाया गया था। 

वर्ष 1985 में ही आरोप पत्र दाखिल किया गया था और फिर उसके बाद वर्ष 2003 में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय कर उनके खिलाफ सुनवाई शुरू की गई थी। मामले के एक अन्य आरोपित आईटी राजकीय उच्च विद्यालय अरवल के तत्कालीन प्राचार्य देवचंद सिंह की लगातार अनुपस्थिति के कारण उनका वाद पृथक कर दिया गया है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में 20 वर्ष से अधिक पुराने मामलों की त्वरित सुनवाई के क्रम में इस मामले का निष्पादन किया गया है। 

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