बिहार के ऊर्जा प्रक्षेत्र में असाधारण उपलब्धियों का साल रहा वर्ष 2024, मंत्री ने कहा- लोगों को सुविधाएं देने के लिए ऊर्जा विभाग प्रतिबद्ध

Edited By Swati Sharma, Updated: 04 Jan, 2025 06:27 PM

2024 was a year of extraordinary achievements in the energy sector of bihar

बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि वर्ष 2024 में राज्य के ऊर्जा प्रक्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गयी तथा राज्य के लोगों को बिजली की बेहतर सेवा एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किए गये। उन्होंने...

पटनाः बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि वर्ष 2024 में राज्य के ऊर्जा प्रक्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गयी तथा राज्य के लोगों को बिजली की बेहतर सेवा एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किए गए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजनान्तर्गत राज्य के लोगों को अत्यंत सस्ती बिजली मुहैया करायी जा रही है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए कुल 15343 करोड़ रुपये की अनुदान की राशि स्वीकृत की गयी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कृषि कार्य के लिए निर्धारित बिजली दर में राज्य सरकार द्वारा 92% अनुदान दिए जाने के फलस्वरूप अब किसानों को मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट बिजली का खर्च पड़ता है, जिससे अब बिजली से सिंचाई करना डीजल तुलना में दस गुणा से भी अधिक सस्ता है।

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'किसानों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन दी जा रही'
मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री कृषि विद्युत सम्बन्ध योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कुल 1.50 लाख कृषि विद्युत संबंध के लक्ष्य को माह दिसम्बर 2024 में ही पूर्ण कर लिया गया है। उन्होने बताया कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुँचाना है। अतः किसानों को नि शुल्क कृषि संबंध दिये जाने के निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले पूरा कर लेने हेतु रणनीति बनायी जा चुकी है। इसके साथ ही अलग कृषि फीडरों का निर्माण भी तेजी से किया जाना है। साथ ही कृषि फीडरों का सोलराइजेशन कार्य भी वर्ष 2025 के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक है। मंत्री द्वारा बताया गया कि पिछले वर्ष कजरा (लखीसराय) में 254 मेगावाट आवर बैट्री एवं 185 मेगावाट का सौर परियोजना तथा देश की सबसे बड़ी बैटरी भंडारण परियोजना (254 मेगावाट आवर) का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। साथ ही पटना के विक्रम में नहर किनारे 02 मेगावाट की परियोजना के निर्माण एवं नवादा जिला के फुलवरिया जलाशय में 10 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर परियोजना का कार्य प्रारंभ किया गया।

'इस वर्ष 11.00 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का लक्ष्य रखा गया'
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत राज्य के सरकारी भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर परियोजना का अधिष्ठापन किया गया जा रहा है। जिसके तहत माह दिसम्बर 2024 तक कुल 10433 सरकारी भवनों पर 94.34 मेगावाट के तथा कुल 5683 निजी भवनों पर भी अब तक 21 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट का अधिष्ठापन किया जा चुका है। कृषि के लिए फीडर सोलराइजेशन योजना (पी०एम० कुसुम) के तहत राज्य के 1121 शक्ति उपकेन्द्रों से 3681 कृषि फीडर्स को सोलराइजेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। मंत्री ने कजरा (लखीसराय) में 185 मेगावाट के साथ 254 मेगावॉट आवर की बैटरी भण्डारण परियोजना को 2025 में ही पूरा करने का लक्ष्य बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि फुलवरिया (नवादा) में फ्लोटिंग सौर परियोजना तथा विक्रम (पटना) में नहर के किनारे की परियोजना को इस वर्ष ही पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। माननीय मंत्री ने बताया कि जल जीवन हरियाली योजना के तहत इस साल लक्ष्य के अनुरूप सरकारी भवनों के छतों तथा निजी भवनों के छतों पर भी ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लांट अधिष्ठापित कर दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट के अन्तर्गत सभी पंचायतों में वर्ष 2024 में 4.60 लाख सोलर स्ट्रीट लगाये जा चुके हैं तथा इस वर्ष निर्धारित कुल 11.00 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

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'उपभोक्ताओं को 15 पैसे सस्ती बिजली होगी उपलब्ध'
मंत्री द्वारा बताया गया कि पिछले वर्ष 2024 रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) योजना के तहत कुल 465 डेडिकेटेड कृषि फीडर बनाए गए तथा 31,320 सर्किट किलोमीटर वितरण लाईन का रिकन्डक्टरिंग किया गया। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में पहली बार राज्य की दोनों वितरण कम्पनियों वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो गयी हैं जिसके तहत वितरण कंपनियों द्वारा पहली बार वित्तीय मुनाफे के साथ रिकॉर्ड राजस्व संग्रहण किया गया है। मंत्री द्वारा जानकारी दी गई कि वितरण कम्पनियों के आत्मनिर्भर होने से उपभोक्ताओं को 15 पैसे सस्ती बिजली उपलब्ध होगी। वर्ष 2024 में अभी तक की राज्य की अधिकतम बिजली आपूर्ति 8005 मेगावाट तक की गयी है। पिछले वर्ष में वितरण कंपनियों की व्यावसायिक एवं तकनीकी हानि (AT & C Loss) 19.91 प्रतिशत पहुंच गयी है, जो वर्ष 2005 में 59 प्रतिशत थी। ऊर्जा मंत्री द्वारा जानकारी दी गयी कि वर्ष 2024 में कुल 07 ग्रिड उपकेन्द्रों का ऊर्जान्वित किया गया, अब राज्य में ग्रिड उपकेन्द्रों की संख्या 170 हो गई है। राज्य की संचरण कंपनी द्वारा पहली बार गैस इन्सलेटेड स्विचगियर (GIS) तकनीकी पर आधारित पटना में तीन ग्रिड उपकेन्द्रों (दीघा न्यू, मीठापुर एवं बोर्ड कॉलोनी) को ऊर्जान्वित किया गया। संचरण प्रणाली सुदृढीकरण एवं विस्तार की योजनाओं के पूर्ण होने से वर्ष 2024 में संचरण विद्युत निकासी 14928 मेगावाट हो गयी है। माननीय मंत्री द्वारा बताया गया कि अगले वर्ष राज्य के संचरण कम्पनी का पहला 400 के.वी. स्तर का ग्रिड उपकेन्द्र, बख्तियारपुर को ऊर्जान्वित किये जाने का लक्ष्य है।

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