Edited By Nitika, Updated: 08 Sep, 2021 03:20 PM

बिहार में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 48352 प्रधानाध्यापकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
पटनाः बिहार में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 48352 प्रधानाध्यापकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की हुई बैठक में पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था के अधीन प्रारंभिक शिक्षक, नगर प्रारंभिक शिक्षक की मूल कोटि के स्वीकृत 40518 पदों को प्रत्यर्पित करते हुए शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के पद सृजन की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही पंचायतों में माध्यमिक विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के 5334 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है। प्रधान शिक्षकों की सीधी नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाएगी।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में कुल 17 एजेंडों पर मुहर लगी। इसमें बिहार औद्योगिक सुरक्षा बटालियन में सृजित पदों के पुनर्नामांकन, पटना और हाजीपुर के जेल में 19 करोड़ रुपए की लागत से जैमर लगाने, आर्यभट्ट विश्वविद्यालय में सात नए पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने बिहार छोआ अधिनियम 1947 की धारा आठ के अधीन राज्य में उत्पादित छोआ के मूल्य निर्धारण की स्वीकृति दी गई। बिहार में ऑनलाइन सेवाएं अंतर्गत की ई-मापी के कार्यान्वयन के लिए सभी 534 अंचल, 101 अनुमंडल और सभी 38 जिलों के लिए 711 ईपीएस मशीन खरीदने के लिए 42 करोड़ 66 लाख रुपए की मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में वित्तीय वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान की प्रथम किस्त के कुल सात अरब 41 करोड़ 80 लाख रुपए की राशि को त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के बीच वितरण एवं व्यय की मंजूरी दी। वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाली टाइड एवं अनटाइड अनुदानों को त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के बीच वितरण एवं व्यय की स्वीकृति दी गई है।