Edited By Harman, Updated: 10 Jan, 2025 01:06 PM
13 जनवरी को प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ के चलते भागलपुर के बुनकरों की चांदी हो गई है। भागलपुर के बुनकरों को महाकुंभ मेले के लिए भगवा गमछे, साड़ी, और अन्य कपड़े के जबरदस्त ऑर्डर मिल रहे है। बुनकर सुबह-शाम कठिन मेहनत करके इन ऑर्डरस को पूरा...
Mahakumbh Mela 2025: 13 जनवरी को प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ के चलते भागलपुर के बुनकरों की चांदी हो गई है। भागलपुर के बुनकरों को महाकुंभ मेले के लिए भगवा गमछे, साड़ी, और अन्य कपड़े के जबरदस्त ऑर्डर मिल रहे है। बुनकर सुबह-शाम कठिन मेहनत करके इन ऑर्डरस को पूरा करने में लगे हुए है।
200 बुनकरों को मिला रोजगार
मिली जानकारी के अनुसार, महाकुंभ से संबंधित पोशाकों के लिए अब तक भागलपुर के कारोबारियों को 50 से 60 लाख का ऑर्डर मिल चुका है। 10 हजार पीस गमछे, 15 हजार पीस साड़ी, एक हजार मीटर मटका सिल्क के बंडी और एक हजार मीटर लिनन शर्ट इन ऑर्डरों में शामिल हैं। दरअसल प्रयागराज के स्थानीय लोग महाकुंभ मेले में आने वाले सभी अतिथियों और साधु-संतों को भगवा रंग के कपड़े भेंट देने के लिए भागलपुर के बुनकरों से कपड़े तैयार करवा रहे हैं। इस बार महाकुंभ मेले में यहां के कपड़ों से लोगों का स्वागत किया जाएगा। वहीं संभावना जताई जा रही है कि कुंभ के दौरान भागलपुर के सिलक कारोबारियों का 5 करोड़ तक का कारोबार हो सकता है। वहीं कारोबारी बता रहे है कि लोग पैसों की परवाह किए बिना गुणवत्ता पर फोकस कर रहे हैं। अभी ऑर्डर मिलने से करीब 200 बुनकरों को रोजगार मिल गया है।
बता दें कि भागलपुर सिल्क नगरी के नाम से मशहूर है। यहां के सिल्क की विदेशों में भी काफी मांग है। भागलपुर में तैयार सिलक के कपड़ों को विदेशों में भी भेजा जाता है। वहीं महाकुंभ से पहले इतने बड़े ऑर्डर मिलने से बुनकरों में खुशी की लहर दौड़ आई है।