'2025 से 2030 फिर से नीतीश' वाले JDU के पोस्टर से BJP में मची खलबली, भाजपा को इस बार भी स्वीकार करना होगा JDU का नेतृत्व

Edited By Ramanjot, Updated: 02 Jan, 2025 10:36 AM

jdu s poster with  nitish again from 2025 to 2030  created a stir in bjp

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली से वापस लौटने के बाद जनता दल यूनाइटेड ने ये पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर से ये साफ हो गया है कि जेडीयू किसी दूसरे चेहरे को मुख्यमंत्री के पद के लिए किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं करेगी। जेडीयू के इस...

पटना (विकास कुमार): नए साल में जेडीयू (JDU) ने एक पोस्टर जारी कर बीजेपी (BJP) को बड़ा और कड़ा सियासी संदेश दिया है। जेडीयू ने इस पोस्टर में यह दिखाने की कोशिश की है कि अगले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) के बाद भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही बिहार के मुख्यमंत्री रहेंगे। जेडीयू के पोस्टर में  2025 से 2030 तक नीतीश कुमार को ही बिहार का मुख्यमंत्री बनते हुए दिखाया गया है। वहीं जेडीयू के तेजतर्रार प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी साफ कर दिया है कि एनडीए में मुख्यमंत्री पद का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे। नीरज कुमार के बयान के बाद एक बार फिर से बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है। 

‘2025 से 2030 फिर से नीतीश’
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली से वापस लौटने के बाद जनता दल यूनाइटेड ने ये पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर से ये साफ हो गया है कि जेडीयू किसी दूसरे चेहरे को मुख्यमंत्री के पद के लिए किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं करेगी। जेडीयू के इस पोस्टर से ये साफ हो गया है कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे। जेडीयू के इस पोस्टर से सम्राट चौधरी सहित बीजेपी के बड़े नेताओं को गहरा धक्का लगा है। सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री की गद्दी पर आंख टिकाए बैठे थे। वहीं विजय सिन्हा ने भी 25 दिसंबर को बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनाने के सपने का जिक्र किया था, लेकिन अगले पांच साल भी बीजेपी नेताओं को किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री का पद नहीं मिलने वाला है। 

‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिना नहीं चल पाएगी मोदी सरकार’
बीजेपी आलाकमान की मजबूरी है कि वह नीतीश कुमार के दावे को कभी भी ठुकरा नहीं सकती है। केंद्र की मोदी सरकार जेडीयू के समर्थन से ही टिकी हुई है। अगर नीतीश कुमार, बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले लें तो मोदी सरकार की मुसीबत बढ़ जाएगी। इसके अलावा बिना नीतीश कुमार के चेहरे के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन बद से बदतर हो सकता है। अगर एक बार फिर नीतीश बाबू ने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया तो बीजेपी नेता बिहार में मुंह ताकते रह जाएंगे, क्योंकि बिना नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन के नेताओं में बिहार की सत्ता हासिल करने का माद्दा नहीं है। इसलिए ये तय है कि बीजेपी आलाकमान भी एक बार फिर से नीतीश बाबू के ही नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी

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