Edited By Ramanjot, Updated: 04 Sep, 2025 05:24 PM

मंगल पांडेय ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में बिहार स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयां हासिल कर रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं को पारदर्शिता के साथ और नई तकनीक के...
पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरूवार को कहा कि मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के अंतर्गत शुरू की गई बिहार हेल्थ एप्लीकेशन विजनरी योजना फॉर ऑल (भव्या) के माध्यम से चिकित्सकों द्वारा मरीजों को अब ऑनलाइन दवाएं और जांच लिखी जा रही हैं, तथा मरीजों की सभी स्वास्थ्य जानकारी सुरक्षित रूप से ऑनलाइन दर्ज की जा रही है।
मंगल पांडेय ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में बिहार स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयां हासिल कर रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं को पारदर्शिता के साथ और नई तकनीक के उपयोग से जन-जन तक पहुंचाने के लिए बिहार स्वास्थ्य सेवा तेजी से डिजिटलीकरण की ओर अग्रसर है। मंत्री ने कहा कि जनवरी 2025 से अब तक भव्या एप्लीकेशन के माध्यम से 1,98,65,800 मरीजों का पंजीकरण हो चुका है, जिनमें से 1,81,98,131 मरीजों को डॉक्टरों द्वारा ऑनलाइन परामर्श दिया गया है तथा शेष मरीजों को ऑफलाइन परामर्श दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से प्रतिमाह औसतन 25,71,977 मरीजों का ऑनलाइन पंजीकरण हो रहा है। भव्या के उपयोग से अस्पतालों में मरीजों का औसत प्रतीक्षा समय घंटों से घटकर अब केवल 36 मिनट रह गया है, जबकि अस्पताल के अंदर मरीजों की औसत यात्रा अवधि अब घटकर केवल 49 मिनट हो गई है।
"भव्या एप्लीकेशन को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सराहा गया"
पांडेय ने कहा कि भव्या एप्लीकेशन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सराहा गया है। उन्होंने बताया कि बिहार को 4-5 अक्टूबर 2024 को मुंबई में आयोजित ग्लोबल डिजिटल हेल्थ समिट 2024 में इनोवेशन अवाडर् प्राप्त हुआ, हैदराबाद में आयोजित टेक्नो सभा में एक्सीलेंस अवाडर् मिला और 21 फरवरी 2025 को राज्य स्वास्थ्य समिति को उद्यम अनुप्रयोग श्रेणी में प्रौद्योगिकी सभा उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंत्री ने कहा कि स्कैन एण्ड शेयर तकनीक के प्रयोग से राज्य में मरीजों का इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉडर् (ईएचआर) तैयार हो रहा है, जिससे चिकित्सीय पर्ची और जांच रिपोर्ट खोने या साथ ले जाने की परेशानी समाप्त हो गई है। डिजिटल ओ.पी.डी. निबंधन का लगभग 90 प्रतिशत कार्य इसी तकनीक से किया जा रहा है और राज्य ने तीन करोड़ 80 लाख से अधिक स्कैन एण्ड शेयर का आंकड़ा पार कर देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अनुरूप कार्य करते हुए इस तकनीक के माध्यम से मुफ्त दवा और जांच सेवाएं लाखों जरूरतमंदों तक पहुंच रही हैं और बिहार स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में डिजिटल नवाचार का नेतृत्व कर रहा है।