Edited By Ramanjot, Updated: 02 Jul, 2025 08:36 PM

उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि तथा खेती की लागत में कमी लाने के उद्देश्य से ‘‘पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई, गोबर/बायो गैस एवं व्यवसायिक वर्मी कम्पोस्ट निर्माण इकाई योजना’’ को वित्तीय वर्ष...
पटना: उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि तथा खेती की लागत में कमी लाने के उद्देश्य से ‘‘पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई, गोबर/बायो गैस एवं व्यवसायिक वर्मी कम्पोस्ट निर्माण इकाई योजना’’ को वित्तीय वर्ष 2025-26 से राज्य के 38 जिलों में लागू किया गया है। योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु 1222.50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत दी गई है।
पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को 75 घन फीट क्षमता के पक्के वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन इकाई की स्थापना पर लागत मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5,000 रूपये (दोनों में से जो कम हो) अनुदान दिया जाएगा। ऐसे लाभार्थी जो खेती करते हैं और जिनके पास पशुधन है, उन्हें अधिकतम तीन इकाइयों तक अनुदान मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत चौथे कृषि रोड मैप 2023-28 के तहत वर्ष 2025-26 के लिए 20,000 इकाइयों के निर्माण हेतु 10 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग बढ़ाना और किसानों की लागत घटाना है।
गोबर/बायो गैस संयंत्र योजना
सिन्हा ने कहा कि 2 घन मीटर उत्पादन क्षमता वाले बायो गैस संयंत्र के लिए लागत मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 21,000 रूपये अनुदान तथा 1,500 टर्न की राशि के रूप में मिलाकर कुल 22,500 रूपये प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा। वर्ष 2025-26 में 100 संयंत्रों के लिए 22.50 लाख रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह योजना स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने एवं पशुधन के अपशिष्ट का उपयोग करने की दिशा में एक प्रभावी पहल है।
व्यवसायिक वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना
उन्होंने कहा कि एफ॰पी॰ओ॰, किसान उत्पादक समूह, स्टार्टअप, गैर सरकारी संगठन एवं कृषि विज्ञान केंद्रों को 1000, 2000 एवं 3000 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाली इकाइयों पर क्रमशः अधिकतम 6.40 लाख रूपये, 12.80 लाख रूपये एवं 20 लाख रूपये की दर से 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। इसके तहत 10 इकाइयों के निर्माण हेतु 2 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है।
सिन्हा ने कहा कि यह योजना राज्य में जैविक खेती को मजबूती प्रदान करेगी और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित होगी।