Edited By Ramanjot, Updated: 04 Sep, 2025 10:22 PM

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा- जीएसटी काउंसिल की बैठक में रेट रिलैक्सेशन पर गठित मंत्री समूह के अध्यक्ष के तौर पर उनके द्वारा दिए गए दो अहम सुझावों को जीएसटी काउंसिल ने स्वीकार किया, जो बिहार के लिए गर्व की बात है।
पटना:बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा- जीएसटी काउंसिल की बैठक में रेट रिलैक्सेशन पर गठित मंत्री समूह के अध्यक्ष के तौर पर उनके द्वारा दिए गए दो अहम सुझावों को जीएसटी काउंसिल ने स्वीकार किया, जो बिहार के लिए गर्व की बात है। चौधरी ने बिहारवासियों की तरफ से प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया और कहा कि यह निर्णय देश की कर प्रणाली का सरलीकरण और आम जनता के उठाया गया कदम है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा - बिहार ने इस ऐतिहासिक बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है, यदि अर्थव्यवस्था में देश बूम करेगा तो बिहार का अहम रोल रहेगा। चौधरी ने कहा- हमने स्वास्थ्य और जीवन बीमा को अधिक सुलभ बनाने हेतु जीएसटी दर को शून्य करने की सिफारिश की थी। साथ ही रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती का प्रस्ताव रखा था। इन सभी सिफारिशों को काउंसिल ने मंजूरी दी, जिससे आम जनता को सीधे तौर पर राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया गया यह निर्णय गरीबों और किसानों, और आम आदमी की चिंता को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय है। टैक्स स्लैब को सरल बनाते हुए अब 12 और 5 प्रतिशत दो श्रेणियों में रखा गया है, जबकि कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है। अब किसी भी प्रकार की रोटी खरीदने पर जीएसटी नहीं देना होगा,पहले पराठे पर 18 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था।
चौधरी ने कहा कि रोटी, तेल, नमकीन, टेक्सटाइल, ट्रैक्टर, मशीनरी, हैंडपंप, नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े उपकरण, शिक्षा सामग्री जैसे किताब और कॉपियां, रेजर, दूध की बोतलें, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सामान, परिवहन, खेल सामग्री, लकड़ी से बने सामान, रक्षा क्षेत्र से जुड़े उत्पाद, फुटवेयर, निर्माण सामग्री जैसे ईंट और बालू, हैंडीक्राफ्ट तथा रोजगार से संबंधित वस्तुओं पर पहले 28, 18 12,और 05 प्रतिशत तक टैक्स देना होता था। अब इन सभी को घटाकर केवल 12 और 5 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी पूरी तरह शून्य कर दिया गया है।
सम्राट चौधरी ने कहा- यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह कदम भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और ठोस कदम है।
वहीं विपक्षी नेता लालू यादव द्वारा इस मुद्दे पर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि यदि लालू प्रसाद यादव को वास्तव में अर्थव्यवस्था की समझ होती तो बिहार की यह स्थिति नहीं होती। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि लालू प्रसाद जैसे नेता भी आज वित्तीय मामलों पर चर्चा कर रहे हैं।