Edited By Harman, Updated: 21 Aug, 2025 10:21 AM

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में कुछ संदिग्धों का "लाई डिटेक्शन टेस्ट" (झूठ पकड़ने वाली मशीन से जांच) कराने की संभावना पर विचार कर रही है
Bihar MLA Horse Trading Case: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में कुछ संदिग्धों का "लाई डिटेक्शन टेस्ट" (झूठ पकड़ने वाली मशीन से जांच) कराने की संभावना पर विचार कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
जानें क्या है पूरा मामला?
ईओयू फरवरी 2024 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजद) सरकार द्वारा जीते गए विश्वास मत से पहले खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच कर रहा है। पटना के कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी में जद (यू) के विधायक सुधांशु शेखर ने आरोप लगाया था कि उन्हें राजद में शामिल होने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी। राजद ने राजनीतिक उथल-पुथल के कारण सत्ता खो दी थी। शेखर ने दावा किया था कि उन्हें पेशकश की गई कि अगर वह राजद को विश्वास मत जीतने में मदद करते हैं तो उन्हें ‘‘10 करोड़ रुपये नकद और मंत्री पद'' दिया जाएगा।
इस मामले में ईओयू ने जिन लोगों से पूछताछ की है उनमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की पूर्व विधायक बीमा भारती और भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव शामिल हैं। पुलिस उपमहानिरीक्षक (ईओयू) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा, "जांचकर्ताओं ने एक पूर्व विधायक और मौजूदा विधायकों समेत कई लोगों से पूछताछ की है। संदिग्धों में से कुछेक सवालों के संतोषजनक जवाब देने में नाकाम रहे। हम कुछ संदिग्धों का ‘लाई डिटेक्शन टेस्ट' कराने समेत अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।"